Bhopal : मध्य प्रदेश भाजपा परिवार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। ज्योतिराज्ये सिंधिया एपीसोड के बाद तो दिक्कतें और बढ़ गयी है। ऐसे में मामा के मंत्रिमंडल में कुछ नामों को जोड़कर शीर्ष नेतृत्तव इस बंवडर को थामने की कवायद में जुट गया है। दिल्ली मे मंथन जारी है। यूपी के गवर्नर आनंदीबेन पटेल को एमपी का कार्यवाहक गवर्नर बना कर एक दो दिन में मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है।
जल्द ही मध्य प्रदेश की 24 विधानसभाओं में उप चुनाव होने हैं। इनमें 22 सीटें वह है जहां से कांग्रेस के विधायकों ने इस्तीफा देकर कमलनाथ की सरकार को गिराया था। जितने विधायक बगावत की थी उन सभी का वहां से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। यहां से हवां में थोड़ी नमी महसूस हो रही ह और उन नेताओं को पालिटिक्ल कैरियर पर ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है जो वहां से पहले चुनाव लड़े थे।
सवाल यही है कि यदि यह नेता वहां से चुनाव लड़ते हैं और उनहें कांग्रेस सपोर्ट कर देती है तो फिर मौजूदा विधायको के सामने दिक्कत पेश आ सकती है और शिवराज की सरकार पर भी संकट मंडरा सकता है। ऐसे में शीर्ष नेतृत्तव बीच का ऐसा रास्ता निकालना चहाता ह जिससे सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे। देवास जिले से हाटपिपल्या विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक दीपक जोशी और बदनावर से विधानसभा का चुनाव हारने वाले पूर्व विधायक भंवर सिंह शेखावत का है। शेखावत ने खुले तौर पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पर गंभीर आरोप लगाए हैं और वर्ष 2018 के चुनाव में भाजपा की सरकार न बनने का दोष भी विजयवर्गीय पर मढ़ा है।