LUCKNOW : अदिति सिंह और राकेश सिंह अपनी सदस्यता बचा ले गये लेकिन नसीमुददीन सिद्दकी इस मामले में अभाग्यशाली रहे। कभी बसपा सुप्रीमों की आंख के तौर पर पहचान रखने वाले नसीमुददीन सिददीकी ने फरवरी 2018 को कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी। बसपा ने नसीमुद्दीन सिददीकी की विधान परिषद की सदस्यता को रदद करने की अपील की थी। आज विधान परिषद सभापति ने अपील पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुना दिया।
23 जनवरी 2015 को नसीमुददीन सिददीकी बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर विधान परिषद सदस्य निर्वाचित हुए थे। 22 फरवरी 2018 को नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बहुजन समाज पार्टी से इस्तीफा देकर कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी। नसीमुददीन सिददीकी पर मायावती उस वक्त बहुत ज्यादा गुस्से में थी जब उन्हें पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया था। नसीमुददीन पर पार्टी फंड में हेराफेरी के आरोप लगे थे। बीएसपी की ओर से दाखिल याचिका पर विधान परिषद सभापति ने नसीमुददीन सिद्दीकी को 22 फरवरी 2018 से अयोग्य घोषित किया है।