MUZAFFARNAGAR : पश्चिमी उत्तर प्रदेश ने खुद के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए नये प्रदेश की मांग उठाई है। मंगलवार को मुजफ्फरनगर में अलग प्रदेश की मांग करते हुए उत्तम प्रदेश निर्माण संगठन ने कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला की अध्यक्षता कृष्ण गोपाल मित्तल प्रदेश उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेश उधोग व्यापार संगठन व संचालन संगठन के प्रदेश सचिव संजीव मलिक मासूम ने की।। कार्यशाला को संबोधित करते हुए उत्तम प्रदेश निर्माण संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल सिंह पुण्डीर ने कहा कि हाईकोर्ट इलाहाबाद की दूरी लगभग 700 किमी होने की वजह से विश्व का सबसे महंगा न्याय हमारे पश्चिम उत्तर प्रदेश के लोगों को मिलता है।
उन्होंने कहा कि 15 यूनिवर्सिटीयों में से मात्र 3 यूनिवर्सिटी ही पश्चिम उत्तर प्रदेश में है साथ ही 30 मेडिकल कॉलेज में से मात्र तीन मेडिकल कॉलेज ही हम पश्चिम उत्तर प्रदेश वालों को दिए गए हैं। प्रदेश सचिव संजीव मलिक मासूम ने कहा कि हमारे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ना तो एनआईटी है ना आईआईटी है ना एम्स है । आज जनसंख्या के मामले में उत्तरप्रदेश संसार के पांचवे बड़े देश के बराबर है और इतने बड़े प्रदेश में कानून एवं प्रशासन की व्यवस्था करना लगभग असंभव है अतः पश्चिम उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाए जाने की मांग वर्कशॉप में की गई ।
सहारनपुर मंडल उपाध्यक्ष विपिन कुमार गंगानिया ने कहा कि जब पंजाब से अलग हुए हरियाणा,हिमाचल प्रदेश हो या,महाराष्ट्र से अलग हुआ गुजरात राज्य हो। इन सभी को विकसित राज्यों में शुमार किया जाता है। इसी तरह उत्तराखंड, झारखंड और छत्तीसगढ़ आज अपने मूल राज्य से कही ज्यादा तरक्की करते नजर आ रहे है। साथ ही यह भी बताया गया कि जब एक करोड की जनसंख्या का उत्तराखंड और ढाई करोड की जनसंख्या का हरियाणा बन सकता है तो 25 करोड की उ० प्र० की जनसंख्या को विभाजित करके 8 करोड का अलग प्रदेश उत्तम प्रदेश (पश्चिमांचल) क्यों नही बन सकता। वर्कशॉप में राकेश त्यागी नगर अध्यक्ष उत्तर प्रदेश व्यापार संगठन प्रवीण जैन ,भानुप्रताप, सुशील कुमार,प्रदीप,प्रमोद कुमारआदि ने अपने विचार रखें।