PATNA: बिहार चुनाव जो न करवाए कम है। खाकी उतार खादी पहनने वाले गुप्तेश्वर पाण्डेय उस चौराहे पर खड़े हैं जहां एक रास्ता बीजेपी की तरफ जा रहा है। जी हां चुनाव लड़ने की हसरते पाले गुप्तेश्वर पाण्डेय जिस सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे वह सीट शेयरिंग के बाद बीजेपी के पाले में चली गयी है जबकि गुप्तेश्वर ने जदयू का दामन थामा था।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लाख कोशिशों के बाद भी बक्सर सीट जनता दल युनाइटेड को नहीं मिली। भारतीय जनता पार्टी कह रही है कि बीजेपी जॉइन करो बक्सर से लड़ो। जबकि नीतीश कुमार कह रहें हैं, कि गुप्ततेशवर पाण्डेय को वाल्मीकि नगर से सांसदी लड़ा दी जाएगी। जैसे जैसे दिन बीत रहे हैं मामला दिलचस्प होता जा रहा है।
गुप्तेश्वर पाण्डेय ने जब वीआरएस लिया था तो पक्क मन बनाया था कि वह बक्सर से चुनाव लड़कर विधानसभा पहुचेंगे। लेकिन उनके रास्ते में ऐसा रोड़ा बनेगा किसी ने सोचा नहीं था। बीजेपी जदयू की सीट शेयरिंग का पूरा मामल बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा और स्वंय नीतिश कुमार की मीटिंग के बाद तय हुआ है। ऐसे में यह माना ही नहीं जा सकता कि इतना बड़ा निर्णय अनजाने में हो गया हो।