दिल्ली : वीडियो कांफ्रेंसिग सुनवाई के बाद दिल्ली की एक अदालत ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े एक मामले में गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून के तहत गिरफ्तार जामिया समन्वय समिति (जेसीसी) के सदस्य मीरान हैदर और सफूरा जरगर की न्यायिक हिरासत 30 दिन के लिए बढ़ा दी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश किए जाने के बाद उन्हें 25 जून तक हिरासत में भेज दिया। जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हैदर पीएचडी का छात्र है और जरगर एमफिल की छात्रा है।
हैदर और जरगर के अलावा जामिया की छात्रा गुलफिशा खातून, कार्यकर्ता खालिद सैफी, पूर्व कांग्रेस पार्षद इशरत जहां और आप के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन को भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत के सामने पेश किया गया। पुलिस ने हैदर, जरगर और हुसैन की न्यायिक हिरासत 30 दिन के लिए और जहां तथा सैफी की हिरासत 14 जून तक बढ़ाने का अनुरोध किया।
अदालत ने हैदर और जरगर के लिए पुलिस की याचिका मंजूर कर ली लेकिन कहा कि बाकी के लिए न्यायिक हिरासत की अवधि खत्म होने पर याचिका पर विचार होगा। मामले की सुनवाई अब 28 मई को होगी।
सैफी और इशरत 30 मई तक न्यायिक हिरासत में हैं और हुसैन की न्यायिक हिरासत 29 मई को खत्म हो रही है। पुलिस ने अपनी अर्जी में कहा है कि मामले में आरोपियों के खिलाफ यूएपीए, आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल करने के लिए पुख्ता सबूत हैं।