BUKSAR : बिहार के बक्सर स्थित क्वारंटीन सेंटर में एक युवक की खुराक 40 रोटी और 10 प्लेट चावंल है। यह उसकी एक वक्त की खुराक है। इतना खाना वह एक दिन में तीन बार खाता है तबजाकर उसे नींद आती है। क्वारंटीन सेंटर में काम कर रहे लोगों की हालत खराब है और रसाइये ने युवक के लिए खाना बनाने से मना कर दिया है। अब युवक का खाना उसके घर से बन कर आयेगा।
अकेले दस लोगों का खाना खाने वाले युवक के कारण बक्सर के मंझवारी के राजकीय बुनियादी मध्य विद्यालय में बना क्वारंटीन सेंटर आजकल चर्चा का केंद्र बना हुआ है। जिले के खरहा टांड पंचायत का रहने वाला 23 वर्षीय युवक अनूप ओझा इस समय मंझवारी गांव के इसी क्वारंटीन सेंटर का मेहमान है। अनूप ओझा की खुराक से क्वारंटीन सेंटर के स्टाफ से लेकर प्रशासन तक के लोग परेशान और हलकान हैं।
बताया जा रहा है कि यह युवक नाश्ते में 40 रोटियां खाता है और दोपहर के भोजन में 10 प्लेट चावल खा जाता है। इस क्वारंटीन सेंटर में रह रहे लोगों का कहना है कि कुछ दिन पहले यहां जब लिट्टी बनी थी, तब अनूप ने 83 लिट्टी खाकर सबको हैरत में डाल दिया था।
जब इस क्वारंटीन सेंटर में खाद्य सामग्री की खपत ज्यादा होने लगी, तब अधिकारियों ने इसका कारण पूछा। उन्हें जब इस युवक अनूप के बारे में बताया गया तो उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ। फिर प्रखंड अधिकारी एक दिन ठीक भोजन के समय क्वारंटीन सेंटर पहुंचे और उन्होंने जब अपनी आखों से अनूप की खुराक देखी तब वह भी हैरान रह गए।
सिमरी के प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) अजय कुमार सिंह ने बताया कि अनूप नाश्ते में 40 रोटियां खा लेता है। उन्होंने बताया कि रसोइया ने भी अनूप के लिए रोटी बनाने से मना कर दिया है। इतनी ज्यादा रोटी बनाने में उसे भी परेशानी हो रही है। क्वारंटीन सेंटर के लोगों ने बताया कि रसोइये ने अनूप के लिए रोज 40 रोटियां बनाने से इनकार कर दिया है। उसके लिए अब दोनों समय चावल ही बनाया जा रहा है।
हालांकि, बीडीओ ने सेंटर के प्रबंधकों को निर्देश दिया है कि अनूप की खुराक में कमी नहीं की जाए।बीडीओ ने बताया कि अनूप ओझा को करीब 10 दिन पहले इस क्वारंटीन सेंटर में लाया गया था। वह रोजी-रोटी की तलाश में राजस्थान गया था। चौथे लॉकडाउन के बाद उसके सब्र का बांध टूट गया और वह घर वापसी करते हुए बिहार लौट आया। घर जाने से पहले उसे 14 दिन के लिए यहां के क्वारंटीन सेंटर में रखा गया।
बीडीओ ने बताया कि गुरुवार को उसका क्वारंटाइन टाइम पूरा हो जाएगा, जिसके बाद अनूप को उसके घर भेज दिया जाएगा। अब क्वारंटीन सेंटर के प्रबंधकों और रसोइये को गुरुवार का इंतजार है, ताकि अनूप के जाने के बाद राहत की सांस ले सकें।