LUCKNOW : बसपा सु्प्रीमो मायावती मायावती ने साफ कर दिया है कि वह राजनीति से तो सन्यास ले सकती है लेकिन बीजेपी के साथ मिल कर चुनाव नहीं लड़ेगी। उन्होंने कहा कि हालंकि मैं कोई सन्यास नहीं लेने वाली। मैं तगड़ी हूं, मैं मजबूत हूं और मैं दबने वाली नहीं हूं। मैं हर मोर्चो पर डट कर मुकाबला करूंगी।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि जब—जब सपा सरकार में आयी बीजेपी मजबूत हुई है। बीजेपी सपा के चलते सत्ता में आई। उन्होंने कहा कि बीजेपी के साथ मिलकर भले ही हमने सरकार बनाई हो लेकिन हमने एक भी हिंदू—मुस्लिम दंगा नहीं होने दिया। चारों शासनकाल में बेहतर काम किया।
जबकि कांग्रेस और सपा का शासनकाल हिंदू मुस्लिम दंगों से भरा हुआ है। इतिहास गवाह है जिसे वह झुठला नहीं सकते। हमारी पार्टी ने चारो शासकाल में मुस्लमानों को उनकी आबादी के हिसाब से उपयुक्त भागीदारी दी।
उन्होनं कहा कि यूपी में हो रहे उपचुनाव की सात सीटों पर दो टिकट मुस्लमानों को दिये। चाहे हमने अकेले या फिर बीजेपी के सहयोग से सरकार बनवाई है हमने मुस्लमानों का नुकसान नहीं होने दिया। इसके लिए हमने अपनी सरकार तक की कुर्बादी दी है। जोकि जगजाहिर है।
बसपा सुप्रीमो ने मुस्लमानों को याद दिलाते हुए कह कि मथुरा में मुस्लमानों को ठेस पहुंचाने के लिए आरएसएस ने नई परंपरा शुरू करने की कोशिश की तो मैने नहीं होने दी मेरी सरकार भी चली गयी।
बीजेपी के साथ रिश्ते हो ही नहीं सकते। हम बीजेपी के साथ कोई एलायंस नहीं करेंगे। हमारी विचारधार और उनकी विचारधारा अलग—अलग। हमारे लिए बीजेपी के साथ जाना संभव नहीं है।
मैने अपने उसूल और सिधांत को नहीं छोड़ा। जबमैने इनकी बात नहीं मानी और सरकार छोड़ दी। उस समय केन्द्र में बीजेपी की सरकार थी। हमने कुर्सी छोड़ दी। बीजेपी ने सीबीआई और ईडी का गलत इस्तेमाल कर मुझ पर दबाव बनाने की कोशिश की। मेरे मां, बाप और भाई बहन को परेशान किया गया।
एस समय कांग्रेस विपक्ष में थी, तब सोनिया गांधी जी ने मुझे फोन करके कहा था कि यदि हमारी सरकार बनती है तो हम आप को न्याय देंगे। कांग्रेस तो बीजेपी की भी बाप निकली। उन्होंने हमे दबा कर रखने की कोशिश की। मेरे खून में दबना नहीं है हम कोर्ट गये। वहां से हमे न्याय मिला। बीएसपी किसी भी कीमत पर बीजेपी का साथ चुनाव में नहीं देगी।