LUCKNOW : उत्तर प्रदेश की बायो फ्यूल पाॅलिसी तैयार करने के सम्बन्ध में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न हुई। अपने सम्बोधन में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि बायो फ्यूल पाॅलिसी को अन्तिम रूप देने से पूर्व सम्बन्धित स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक कर विचार-विमर्श कर लिया जाए।
उन्होंने कहा कि बायो फ्यूल से सम्बन्धित प्रदेश में जो प्लान्ट संचालित हैं अथवा संचालन की प्रक्रिया में हैं, वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से उनका भी फीडबैक ले लिया जाये। उन्होंने कहा कि पराली से बायो फ्यूल प्लान्ट संचालित किये जा सकते हैं तथा जिन जनपदों में पराली बहुतायत में उपलब्ध रहती है, वहां पर इस तरह के प्लान्ट्स लगाए जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पराली की उपलब्धता, कलेक्शन सेन्टर तथा प्लान्ट तक पहुंचाने के लिए मैकेनिज्म भी डेवलप करना होगा। किसानों से पराली क्रय करने से लेकर प्लान्ट से उत्पादित फ्यूल को विक्रय करने की पूरी सप्लाई चेन बनानी होगी तथा इसमें निवेश करने वाली निवेशकों को भी सहूलियतें देनी होंगी।
उन्होंने कहा कि पराली जलाने से वायू प्रदूषण बढ़ रहा है, तथा लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। अतः पराली आधारित बायो फ्यूल प्लान्ट की स्थापना से ही इसको रोका जा सकता है और किसानों की अतिरिक्त आय का यह एक जरिया भी बनेगा।
उन्होंने बायो फ्यूल पाॅलिसी को जल्द से जल्द अन्तिम रूप देने पर बल देते हुए कहा कि सम्बन्धित सभी विभागों, संस्थाओं एवं प्रदेश में पहले से संचालित प्लान्ट के संचालकों से बात कर बायो फ्यूल पाॅलिसी का माॅडल ड्राफ्ट अगली बैठक में चर्चा हेतु प्रस्तुत किया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों में कम से कम एक प्लान्ट की स्थापना का लक्ष्य लेकर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने गन्ना वेस्ट, गोबर व कूड़ा पर आधारित व वर्तमान में संचालित प्लान्ट्स के स्टेटस रिपोर्ट भी 02 दिवस में उपलब्ध कराने को कहा।
बैठक में औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव, औद्योगिक विकास आलोक कुमार, अपर मुख्य सचिव, ऊर्जा अरविन्द कुमार, अपर मुख्य सचिव नियोजन, कुमार कमलेश सहित वैकल्पिक ऊर्जा, कृषि व अन्य सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।