RANCHI : रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स की नन्हें फरिश्ते टीम की जितनी भी तारीफ की जाए कम है। इस टीम ने बीती रात बिहार और रांची की 6 नाबालिग लड़कियों को मानव रोबोट बनने से बचा लिया। दरअस्ल मानव तस्करी करने वाले लोगों ने इन 6 बालिकाओं को दिल्ली भेज रहे थे। कहा यह जा रहा है कि इन्हें घरेलू काम काज के लिए लगाया जाना था।
दरअस्ल आरपीएफ ने घरेलू कामों के लिए राज्य के बाहर भेजी जा रहीं लड़कियों को बचाने के लिए एक टीम नन्हें फरिश्ते का गठन किया था। बीती रात रांची रेलवे स्टेशन पर यह टीम सर्च आपरेशन चला रही थी। तभी टीम की नजर इन बालिकाओं पर पड़ी जोकि प्लेटफार्म पर राजधानी एक्सप्रेस का इंतजार कर रही थी। इन बालिकाओं से जब पूछा गया तो वह नहीं बता पाई कि वह कहा जा रही है और किसके साथ जा रही है।
रांची अरपीएफ के इन-चार्ज अमिताभ आनंद बर्धन ने बयान जारी करते हुए बताया कि “नन्हें फरिश्ते टीम एक तलाशी अभियान चला रही थी। टीम ने जब इन बच्चीयों से पूछताछ की तो पता चला कि इनके साथ इनके अभिभावक नहीं है। इन्हें घरेलू कामों के लिए नई दिल्ली भेजा जा रहा था। लड़कियों को भी यह नहीं पता था कि नई दिल्ली में उन्हें कहां जाना है। बचाई गई लड़कियों में, चार खूंटी जिले और एक सिमडेगा व एक गुमला जिले की हैं। आरपीएफ हालांकि अभी तक मानव तस्करी में संलिप्त लोगों का पता नहीं लगा पाई है।