मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी और अब्बास अंसारी हो सकते हैं सपा में शामिल।
23 अक्टूबर, सरकार टुडे : 26 अक्टूबर को अखिलेश यादव डिस्ट्रिक्ट मऊ में एक बड़ी रैली करने जा रहे हैं। मऊ रैली के आग़ाज के साथ ही अखिलेश का पूर्वाचंल दौरा शुरू माना जाएगा। मऊ की रैली इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है कि वह गृह जनपद मोख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari ) का है। ध्यान रहे कि मोख्तार अंसारी के भाई और भतीजे समाजवादी पार्टी को ज्वाइन कर चुके हैं।
पिछले चुनाव की गाजीपुर रैली भी एतिहासिक रैली थी। उस समय अखिलेश—शिवपाल की रार आसमान पर थी और पूर्वाचंल के कई बड़े नेता जिसमें (Mukhtar Ansari) अंबिका चौधरी, नारद राय, शादाबा फातिमा आदि अखिलेश यादव का साथ छोड़ चुके थे। इस बार शादाब फातिमा को छोड़कर बाकी सभी नेता वापस अखिलेश यादव के पास आ चुके हैं और सपा ज्वाइन कर चुके हैं।
ऐसे हालात में रैली का सफल होना साफ संकेत दे रहा है। बड़ा सवाल यही होगा कि अखिलेश यादव मंच से क्या एलान करते हैं। पूर्वांचल में हमेशा से सपा का पलड़ा भारी रहा है। पिछला चुनाव हार जाने के बाद सपा ने पूर्वाचंल में फिर से अपनी जड़े मजबूत की है। अंबिका चौधरी, रामगोविंद चौधरी, ओम प्रकाश सिंह, नारद राय, ओम प्रकाश राजभर वह चेहरे हैं जिन पर सपा को भरोसा है।
मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को लेकर संशय बरकार रहा है। राजनीतक पंडितों की राय है कि अखिलेश यादव मुख्तार अंसारी को सीधे पार्टी में शामिल नहीं कराएंगे। क्योंकि ऐसा होने से बीजेपी को एक बड़ा मुददा हाथ लग सकता है। इसलिए सपा ने पहले ही सिगबतुल्ला अंसारी उनके बेटों को पार्टी में ले लिया है। अफजाल अंसरी बसपा के टिकट से सांसद है इसलिए वह टेक्नकली पांच साल तक सपा में नहीं आ सकते। मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) जेल में है। उनके बेटे अब्बास अंसारी और उमर अंसारी को लेकर देखना होगा कि अखिलेश यादव क्या फैसला लेते हैं।
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