2 November, Sarkar Today: आज की रात उल्लुओं और कव्वों पर बहुत भारी गुजरती है। तंत्र—मंत्र (Tantra-Mantra) की दुनिया में उल्लुओं कव्वों का विशेष स्थान है। और आज कल जो दिन चल रहे हैं इन्ही दिनों में तांत्रिकों की तंत्र साधना पूरी होती है। जानकारों के मुताबिक तंत्र—मंत्र (Tantra-Mantra) साधना में उल्लु और कव्वों की बलि दी जाति है।
उल्लू प्रतिबंधित पक्षी है
वैसे तो उल्लू एक प्रतिबंधित पक्षी है जिसक तंत्र—मंत्र (Tantra-Mantra)साधना में भारी मांग रहती है । इसकी बिक्री नहीं की जा सकती। लेकिन चोरी छिपे और जुगाड़ के जरिये कोई भी व्यक्ति पक्षी बाजार से उल्लू खरीद सकता है। लखनऊ के चिड़ियाबाजार में जब भी छापा पड़ा है तो वहां से कई प्रतिबंधित पक्षी बरामद होते हैं जिनमें उल्लू भी होते हैं। आम दिनों में उल्लु जुगाड़ से 1000 रूपये प्रति उल्लु की दर से मिल जाता है लेकिन तंत्र मंत्र (Tantra-Mantra) के दिनों में यह अनमोल हो जाता है और इसकी कीमत एक लाख रूपये प्रति उल्लू तक पहुंच जाती है।
कव्वों पर नहीं है प्रतिबंध
कव्वों की बिक्री पर कोई प्रतिबंध नहीं है। कव्वे खुले बाजार में आसानी से बिकते मिल जाएगें। लखनह्र में लगने वाले रविवार को पक्षी बाजार में कव्वे बिकते हैं। तंत्र—मंत्र (Tantra-Mantra) में एक कव्वा 100 रूपये से 200 रूपये में मिल जाता है। लेकिन तंत्र—मंत्र के दिनों जहां सब महंगा है वहीं कव्वों के रेट में भी इजाफा हुआ हैं और यह आसानी से नहीं मिल रहे हैं। एक कव्वे का भाव 500 रूपये प्रति कव्वा पहुंच चुका है।
मढोक मंदिर
पूरे एशिया में तंत्र—मंत्र (Tantra-Mantra) साधना के लिए सिर्फ एक मंदिर है और वह है यूपी के लखीमपुर डिस्र्टिक्ट की ओयल एस्टेट में। जब आप लखीमपुर खीरी से 14 किलोमीटर पहले ओयल एस्टेट हैं। वहां मढोक तंत्र पर आधारित मढोक मंदिर है। यह लाजवाब है और यहां दुनिया भर के तंत्र—मंत्र (Tantra-Mantra) साधना के लोग इक्टठा होते हैं।
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