10 नवम्बर, सरकार टुडे : 2017 से जेल में बंद पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर गायत्री प्रसाद प्रजापति (Gayatri Prasad Prajapati) पर चल रहे रेप के मुकदमें के फैसले का आज दिन है। कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी कि मंत्री जी को सजा दी जाए या फिर उन्हें छोड़ दिया जाए। गायत्री प्रसाद प्रजापति (Gayatri Prasad Prajapati) पर एमपी/एमएलए कोर्ट में मुकदमा चल रहा है। पूर्व मंत्री को 15 मार्च 2017 को इस आरोप में गिरफ्तार किया गया था। तबसे गायत्री प्रसाद प्रजापति जेल (Gayatri Prasad Prajapati) में बंद है।
लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में रेप विकटिम ने गायत्री प्रसाद प्रजापति (Gayatri Prasad Prajapati) पर सामूहिक बालत्कार करने का मुकदमा दर्ज कराया था। बालत्कार के इस मामले में गायत्री प्रसाद प्रजापति सहित सात लोगों पर एमपी/ एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश की आदालत में मुकदमा चल रहा है। आज फैसले की घड़ी आ चुकी है। जज पवन कुमार राय थोड़ी देर में फैसला सुनाएंगे।
मंगलवार को मामले की सुनवाई के समय कुछ आरोपियों की ओर से लिखित बहस दाखिल की जानी थी। इसी दौरान आरोपी गायत्री प्रसाद प्रजापति( Gayatri Prasad Prajapati) की ओर से एक स्थगन प्रार्थना पत्र देकर मुकदमे की तिथि बढ़ाए जाने का अनुरोध किया गया। इस अर्जी में कहा गया है कि मुकदमे को किसी दूसरे प्रदेश में स्थानांतरित किए जाने की मांग को लेकर उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर की गई है। इसके अलावा यह भी कहा गया था कि इस न्यायालय के उस आदेश को उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में चुनौती दी गई है जिसमें बचाव साक्ष्य पेश करने की अर्जी को खारिज कर दिया गया था।
वहीं दूसरी ओर 8 नवंबर को अभियोजन की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता एसएन राय ने एक प्रार्थना पत्र देकर न्यायालय से अनुरोध किया था कि गवाह अंशु गौड़ ने अपने बयान में स्पष्ट कहा है कि पीड़िता को कई प्लाटों की रजिस्ट्री एवं नगद धनराशि का प्रलोभन देकर न्यायालय के समक्ष सही गवाही न देने के लिए राजी किया गया है। लिहाजा, अदालत रजिस्ट्री को साबित करने के लिए रजिस्ट्रार लखनऊ एवं पीड़िता द्वारा दिल्ली की एक अदालत में दिए गए कलम बन्द बयान को तलब करने का आदेश दिया, क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण साक्ष्य हैं।
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