सरकार टुडे :—कुत्तेंतो कुत्ते ही होते हैं, अपनी आदत से बाज नहीं आते। जी हां लखनऊ के आवारा कुत्तों ने एक बार फिर ऐसे दर्दनाक (Painful) जख्म दिया है जिसका भर पाना एक परिवार के लिए मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। पुराने लखनऊ के मुसाहबगंज में रह रहे प्ल्बर का काम कर रहे एक व्यक्ति का पूरा परिवार कुत्तों ने उजाड़ दिया।
हुआ यह कि सात वर्षीय रजा अपनी पांच वर्षीय छोटी बहन फातिमा के साथ घर के बाहर खेल रहा था। तभी मोहल्ले के आवारा कुत्तों ने भाई बहन पर हमला कर दिया। बहादुर रजा ने अपनी बहन को बचाने के लिए अपनी जान खो दी और कुत्तों का निवाला बन गया। घटना में रजा की जान चली गयी और उसकी मासूम बहन जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है। (Painful)
इससे पहले कुत्तों ने सीतापुर में बच्चों पर हमला किया था जिसमें कई बच्चों की जान गयी थी। लखनऊ में आवारा कुत्तों का आतंक है। प्रतिदिन 60 से 90 लोगों को कुत्ते काट रहे हैं। कुत्तों को कम करने के लिए नगर निगम के पास कोई ठोस योजना नहीं है। जिसके कारण इनकी आबादी लगातार बढ़ रही है। (Painful)
स्थानीय नागररिकों का कहना है कि आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए क्षेत्रीय जनता ने कई बार नगर निगम को लिखित शिकायत की है। लेकिन निगम ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। (Painful)
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