LUCKNOW : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग की प्रथम बैठक आहूत की। बैठक में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में एक समिति गठित किए जाने का निर्णय लिया गया, जो शीघ्र ही कामगारों/श्रमिकों की सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा के सम्बन्ध में सुझाव प्रस्तुत करेगी।
सीएम योगी ने बैठक को संबोधित करते हुए कि कहा कि उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग का गठन कामगारों/श्रमिकों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में अधिकाधिक सेवायोजन और रोजगार के अवसर सृजित करना है, जिससे कामगारों/श्रमिकों को उनकी योग्यता व क्षमता के अनुरूप रोजगार दिया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रत्येक माह आयोग की बैठक आहूत की जाएगी।
सीएम योगी के मुताबिक राज्य सरकार कामगारों/श्रमिकों के सामाजिक व आर्थिक हितों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में जिस प्रकार कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी के संक्रमण को रोकने व उससे बचाव के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं, उसी प्रकार कार्य योजना के तहत कामगारों/श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने की कार्यवाही व्यापक स्तर पर की जा रही है। कोविड-19 के कारण देश के विभिन्न राज्यों से प्रदेश में बड़ी संख्या में कामगार/श्रमिक आए हैं, जिनमें से 34 लाख कामगारों/श्रमिकों की स्किल मैपिंग की गई है और उन्हें उनकी क्षमता व योग्यता के अनुसार निरन्तर रोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।
सीएम योगी ने कहा कि मनरेगा के तहत 57 लाख से अधिक श्रमिकों को रोजगार के अवसर मिले हैं, जो देश में सर्वाधिक है। विभिन्न उद्योगों में लगभग 40 लाख लोगों को रोजगार के अवसर दिए जा रहे हैं। विभागीय कन्वर्जेन्स के माध्यम से 20 लाख श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहले से रह रहे कामगारों/श्रमिकों की स्किल मैपिंग का कार्य किया जाए, जिससे भविष्य में उन्हें भी क्षमता व योग्यता के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि समयबद्ध ढंग से कार्य करते हुए केन्द्र व प्रदेश की सभी विकास योजनाओं व कार्यक्रमों के साथ-साथ राष्ट्रीय आजीविका मिशन, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, एक जनपद-एक उत्पाद योजना, माटी कला बोर्ड, खादी एवं कुटीर उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण, एम0एस0एम0ई0, एफ0पी0ओ0 तथा मनरेगा के तहत कामगारों/श्रमिकों को जोड़ा जाए। विभिन्न विभागों की निर्माण संस्था