कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने ‘‘गलवान घाटी’’ में सेना के कर्नल बी. संतोष बाबू सहित तमाम अधिकारियों एवं सैनिकों की बर्बरतापूर्वक पीट- पीटकर शहादत पर रोष प्रकट करते हुए कहा हे कि वह इण्डो- चीन ही नहीं बल्कि बीते कई वर्षो मंे किसी भी सभ्य राष्ट्र के सैनिकों द्वारा किसी दूसरे सभ्य राष्ट्र के सैनिक के साथ ऐसी जालिमाना हरकत नहीं हुई । यह राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय एवं जेनेवा कन्वेषन सहित सभी संधियों का खुला उल्लंघन है, और यह दर्षाता है कि चीन आदतन धोखेबाज तो है ही, वह अत्यंत बर्बर और असभ्य भी है ।
प्रमोद तिवारी ने कहा कि उस पर भी चीन की हिमाकत यह है कि गलवान घाटी का वह हिस्सा जो स्ण्।ण्ब् के निर्धारित एवं मान्यता अनुसार भारत का भूभाग है, और वर्ष 1962 के चीन के धोखे के बाद 1967 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी जी के कार्यकाल में चीन की हिमाकत पर भारतीय सेनाओं को आदेष दिया गया था और भारतीय रक्षा मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार भारतीय सेना ने सिक्किम सीमा पर दिनांक- 11 से 14 सितम्बर तक नाथूला (छंजीन स्ंद्ध में, और दिनांक- 1- 2 अक्टूबर तक चोला ;ब्ीव स्ंद्ध में हुये युद्ध में चीन के 340 सैनिकों को मार गिराया था और 450 चीनी सैनिक घायल हुये थे । यही नहीं सामरिक दृृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण भूभाग पर भारत ने कब्जा भी कर लिया था, और इस तरह 1962 का बहुत कुछ बदला भी भारत ने ले लिया था, उसके बाद चीन की हिम्मत इतनी कायरता और निर्दयतापूर्ण हमले की कभी नहीं रही ।
प्रमोद तिवारी ने कहा है कि भारत की सेना महान है, और दुनिया की सबसे बहादुर सेनाओं में से ‘‘एक’’ है, हमें भारतीय सेना पर गर्व है। हम इस संकल्प को दोहराते हैं और भारत की सेना द्वारा उठाये गये हर कदम का हम पूर्ण समर्थन करते हैं और भविष्य में भी करेंगे ।