KANPUR : जबतक किसी बड़े का वरदहस्त न प्राप्त हो तबतक यूं हीं किसी विकास दुबे का विकास नहीं होता। पूरी जिंदगी संघर्ष में गुजरती है या फिर जेल में। लेकिन यदि उपर वाले सा या फिर उपर के किसी अधिकारी से सांठगांठ हो गयी तो फिर तरक्की की सीड़ियां चढ़ने मे किसी भी अपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति को देर नहीं लगती। यूपी की आबो हवा तो यही कहतीं है। सिर्फ यादव सिंह से लेकर विकास दुबे तक के दौर पर ही नजर डाले तो दर्जनों ऐसे स्याह चेहरे सामने आयेंगे जिन्होंने इस पैर्टन पर जीवन में कामयाबी हासिल की है।
विकास दुबे के साथ चर्चित लोगों के फोटो सामने आ रहे हैं। वह चाहे कामेडियन राजू श्रीवास्तवा हो या फिरअन्नू अवस्थी, वह चाहे ब्रजेश पाठक हो या फर जय बाजपेई। सार्वजनिक मंच पर कोई भी किसी के साथ फोटो खिचवां सकता है। जरूरी यह है कि कमरे के अंदर का जो कनेक्शन सियासी या फिर प्रशासनिक लोगों के साथ अपराधियो का बड़ रहा है वह कैसे रोका जाए। विकास दुबे के कनेकशन बहुत से लोगों के साथ थे। इसी कणी में एक नाम बड़ी तेजी से सामने आ रहा है और वह है जय बाजपेई का। जय बाजपेई विकास का राइट हैंड था और विकास के नाम पर लोगों कसे जबरिया वसूली करता था। जय बाजपेई के फोटो बड़े पुलिस अधिकारियों के साथ सामने आ रहे हैं।
पुलिस महकमें के भीतर छिपे विकास के मददगारों की बढ़ रही है संख्या सूत्रों की माने तो विकास दुबे की मदद के शक में 200 से अधिक पुलिसकर्मियों के मोबाइल सर्विलांस पर है। चौबेपुर, बिल्हौर, ककवन, और शिवराजपुर थाने के 200 से अधिक पुलिसकर्मी रडार पर हैं। इन सभी के मोबाइल सर्वलांस पर हैं, CDR भी खंगाले जा रहे है। इनमें से तमाम पुलिसकर्मी विकास दुबे के सामने नतमस्तक थे। उसके लिए ही गुर्गों की तरह काम करते थे, पुलिस एसटीएफ की टीमें एक-एक बिंदुओं पर काम कर रही है।
जय जमीनों की खरीद फरोख्त करता था
विकास के बल पर विवादित जमीनें लेता था। मार्केट में ब्याज पर रुपए बांटने का काम करता था। 15 से अधिक मकान , दर्जनों फ्लैट का मालिक है जय बाजपेई। 7 साल पहले 4 हजार की सैलरी पाता था जय बाजपेई। प्रिंटिंग प्रेस में काम करता था जय बाजपेई । कम समय में करोड़ों की संपत्ति बना ली। लखनऊ – कानपुर रोड पर एक पेट्रोल पम्प है जय बाजपेई का। जय बाजपेई पर कई केस चल रहे हैं फिर भी उसका पासपोर्ट बन गया। पुलिस ने कैसे लगा दी पासपोर्ट रिपोर्ट ? कानपुर के ब्रहम नगर में एक दर्जन से अधिक मकान है।