KANPUR : आखिरकार विकास दुबे का मैनजमेंट काम नहीं आया और उसे परलोक जाना पड़ा। एडीजी जय नारायण सिंह ने कहा है कि डिटेल जानकारी प्रेस कांफ्रेंस में दी जाएगी। विकास मारा जा चुका है। सड़क मार्ग से कानुपर जे जाये जा रहे विकास दुबे की स्कार्पियो गाड़ी पलट गयी और उसने भागने की कोशिश की। उसने पुलिस के जवानों से हथियार भी छीनने की कोशिश की। जवाब में पुलिस ने विकास को ढेर कर दिया है। विकास के सीने में तीन गोलिया लगी है जबकि एसटीएफ के दो और यूपी पुलिस के इंस्पेटकर सहित तीन सिपाही घायल है।
सरकार टुडे ने 9 जुलाई को ही शीर्षक ”अंतिम निर्णय बाकी ” नाम से खबर प्रकाशित की थी जिसमें ग्रह मंत्री के बायान के हवाले से लिखा गया था कि सरकार अंतिम निर्णय जल्द ही बता देगी। हुआ भी वही और तड़के खबर आई कि विकास दुबे मारा गया।
क्यो करना पड़ा एनकाउंटर
विकास दुबे को लेकर पुलिस महकमे में जर्बदस्त रोष था। शहीद जवानों के परिजन हो या फिर विकास के हाथो सताये लोग सभी लोग विकास के जिंदा पकड़े जाने को पचा नहीं पा रहे थे। शहीद पुलिस के परिजनों ने सवाल उठाना शुरू कर दिये थे। अगर विकास दुबे जिंदा रहता तो न सिर्फ पुलिस का मनोबल कम पड़ता बल्कि आम जनता में भी गलत मैसेज जाता। बीती रात मौसम बहुत खराब था और पानी लगातार बरस रहा था जिससे एसटीएफ की तेज रफ्तार गाड़ी पलट गयी और विकास दुबे मारा गया।