Thursday, November 21, 2024
Homeराजनीतिहमें शहरों के साथ-साथ अपने गाँवों के विकास पर भी ध्यान केन्द्रित...

हमें शहरों के साथ-साथ अपने गाँवों के विकास पर भी ध्यान केन्द्रित करना होगा -राज्यपाल

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने डाॅ0 भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा द्वारा आयोजित वेबिनार ‘रिवर्स माइग्रेशन एण्ड रूरल डेवलेपमेंट इन उत्तर प्रदेश’ को आज सम्बोधित करते हुये कहा कि स्थानीय स्तर पर समस्या का कोई हल नहीं होने के कारण उत्तर प्रदेश वापस लौटे लगभग 23 लाख प्रवासी कामगार एवं श्रमिक क्या लाॅकडाउन समाप्त होने के बाद फिर अपने कामों पर वापस लौटेंगे। क्या इतनी बड़ी विपत्ति से हमने कुछ सीखा। जो कामगार या श्रमिक अपने हुनर एवं मेहनत से अन्य स्थानों पर जाकर वहाँ का विकास कर सकते हैं तो वे अपने प्रदेश में रहकर अपनी आजीविका एवं रोजगार को सुचारू रूप से क्यों नहीं चला सकते हैं।

राज्यपाल ने कहा कि प्राकृतिक एवं भौगोलिक संरचना के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश में संसाधनों की कोई कमी नहीं है। प्रदेश में उपजाऊ कृषि योग्य भूमि एवं नदियाँ हैं। प्रदेश कई कृषि उत्पादों हेतु विशेष महत्व रखता है। प्रदेश का प्रत्येक जनपद अपने किसी न किसी विशेष उत्पादन के लिये भी विख्यात है। जनपद कन्नौज इत्र के लिये, मुरादाबाद पीतल के लिये, लखनऊ चिकन कारीगरी एवं दशहरी आम के लिये, अलीगढ़ ताला के लिये, फिरोजाबाद कांच के लिये एवं भदोही कालीन के लिये जाने जाते हैं। तो क्या कारण है कि हम अपने यहाँ कामगारों के लिये रोजगार के अवसर सृजित नहीं कर पा रहे हैं। जरूरत है अवसरों को पहचानने के साथ-साथ उन्हें यथार्थ के धरातल पर उतारने की। उन्होंने कहा कि उद्यमियों एवं व्यावसायियों को जानकारी प्रदान कर जनपद के विशेष उत्पाद की ब्रांडिंग कर लोकल स्तर से ग्लोबल स्तर तक पहचान दिलाने की आवश्यकता है, जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा है।

आनंदी बेन पटेल ने कहा कि हमें शहरों के साथ-साथ अपने गाँवों के विकास पर भी ध्यान केन्द्रित करना होगा। आज भी हमारी लगभग 70 प्रतिशत आबादी गाँवों में रहती है। ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यालय, चिकित्सालय, विद्युत, पहुंच हेतु पक्की सड़क एवं परिवहन आदि आवश्यक सुविधाएं पहुंचाकर ही विकास की रूपरेखा खींची जा सकती है। कृषकों को खेती हेतु सिंचाई एवं बिजली, खाद एवं उनके उत्पाद को सुरक्षित रखने हेतु कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था उपलब्ध होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गाँवों में कुटीर एवं हस्तशिल्प उद्योग को बढ़ाने हेतु प्रोत्साहन देना होगा, तभी यह उपयोग हेतु आगे बढ़ सकेगा।

राज्यपाल ने कहा कि ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ की तर्ज पर ‘एक जिला-एक फसल विशेष’ योजना पर अमल करने की जरूरत हैै। इस पर आधारित उद्योगों की स्थापना से बड़े पैमाने पर स्थानीय स्तर पर ही न केवल लोगों को रोजगार उपलब्ध होंगे, बल्कि उन्हें गांवों से शहरों में रोजगार की तलाश में नहीं जाना पड़ेगा। यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य जरूर है परन्तु असंभव नहीं है। किसानों की आमदनी में वृद्धि हेतु हमें जीरो बजट खेती पर भी ध्यान देने की जरूरत है, जहाँ बिना लागत लगाये खेती की जा सकती है। इसमें रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग बिल्कुल नहीं होता है। इस प्राकृतिक खेती में गाय का बहुत बड़ा योगदान होता है। इसके गोबर एवं गो-मूत्र से खेत की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होती है। इनके प्रयोग से उत्पादन लागत में कमी के साथ-साथ उत्पादन एवं अन्न की पौष्टिकता में भी वृद्धि हो सकेगी।

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश में प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों को सेवायोजित करने के लिये ‘माइग्रेशन कमीशन’ गठित करने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये कहा कि माइग्रेशन कमीशन कामगारों एवं श्रमिकों को रोजगार से जोड़ने हेतु उल्लेखनीय प्रयास करेगा। राज्यपाल ने कहा कि अच्छा एवं बुरा समय आता-जाता रहता है। लेकिन उससे शिक्षा लेकर कार्य करने वाला ही वास्तव में सफल होता है। आज वैसी ही स्थिति हमारे सामने है। पुराने रास्ते अवरूद्ध जरूर हुये हैं परन्तु समाप्त नहीं हुये हैं। हम इस समस्या पर विजय पाकर न केवल आगे बढ़ेंगे बल्कि भविष्य में ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिये स्वयं को तैयार भी करेंगे।

News Desk
News Desk is a human operator who publish news from desktop. Mostly news are from agency. Please contact sarkartoday2016@gmail.com for any issues. Our head office is in Lucknow (UP).
RELATED ARTICLES

Most Popular