MUMBAI : पीजीआईएम ने नीलसन के साथ मिलकर Financial Freedom पर एक सर्वे कराया तो चौकाने वाले परिणाम सामने आये। सर्वे में सामने आया कि भारत में वर्तमान लोग में खूब खर्च कर रहे हैं। बेहतर जीवनशैली की प्रति लोगों की बढ़ती आकांक्षाओं, जरूरतों और सांस्कृतिक बदलावों की वजह से लोग वर्तमान जरूरतों और दूसरी प्राथमिकताओं पर ज्यादा खर्च कर रहे हैं और रिटायरमेंट प्लानिंग पर कम।
वित्तीय प्लानिंग Financial Freedom में इसे लोग सबसे आखिरी में रख रहे हैं। हालांकि ज्यादा से ज्यादा शहरी भारतीय रिटायरमेंट के वर्षों में अपने बच्चों पर आश्रित नहीं रहना चाहते। रिसर्च के आंकड़े बताते हैं कि ज्यादातर भारतीय औसतन 51 साल की उम्र में रिटायरमेंट प्लानिंग करते हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है रिटायरमेंट के बाद अच्छी जिंदगी जीने के हिसाब से यह काफी देर से शुरू की गई प्लानिंग है।
इस समस्या के मद्देनजर पीजीआईएम इंडिया म्यूचुअल फंड का मानना है कि युवा लोगों को वित्तीय प्लानिंग और वित्तीय आजादी (Financial Freedom) के बारे में जितनी जल्दी हो सजग किया जाना चाहिए।
पीजीआईएम म्यूचुअल फंड की मार्केटिंग और कम्यूनिकेशन हेड साक्षी दलेला इस पहलू पर और जोर डालते हुए कहती हैं, कि “ हमने देखा है कि युवाओं को लगता है कि रिटायरमेंट अभी बहुत दूर है। रिटायरमेंट को वह बूढ़ों की दुनिया के तौर पर देखते हैं। इसलिए वे इसकी कोई प्लानिंग नहीं करते।
आज की दुनिया में सेलिब्रेट करना जिंदगी को बिंदास जीने का अंदाज बन गया है। लोग आज अपनी जिंदगी इस तरह जीने में विश्वास करते हैं जैसे कल आएगा ही नहीं। जबकि कल को आना ही है। लिहाजा कल की प्लानिंग नहीं करेंगे तो तकलीफ तो होगी ही।