16 November, Sarkar Today : कांग्रेस में गड़बड़ (Cong Main GadBad) लगातार जारी है। अभी तक बड़े नेता पार्टी छोड़कर जा रहे थे। लेकिन अब कार्यकर्ताओं ने भी पार्टी से इस्तीफा देना शुरू कर दिया है। ताजा इस्तीफा यूपी कांग्रेस प्रवक्ता जावेद अहमद का है। जावेद ने सलामान खुर्शीद का बहाना बना कर पार्टी छोड़ दी। जावेद लंबे समय से कांग्रेस पार्टी में अपनी सेवाएं दे रहे थे। जावेद के इस्तीफे से कांग्रेस में गड़बड (Cong Main GadBad) एक बार फिर सामने आ गयी है। क्योंकि नेता पार्टी छोड़े तो उसका निजी स्वार्थ हो सकता है। लेकिन यदि जमीनी स्तर के कार्यकर्ता संगठन को छोड़े। तो यकीन मानिए स्थिति गंभीर है।
कांग्रेस में गड़बड़ (Cong Main GadBad) लंबे समय से चल रही है। पार्टी के नितिनिर्धारक मेहनत कर नये लोगों को जोड़ते हैं तो पुराने लोग पार्टी छोड़ देते हैं। हाल में पंकज मलिक, हरेन्द्र मलिक, ललितेशपति त्रिपाठी ने पार्टी छोड़ी तो कांग्रेस संगठन पर कुछ ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा।
क्योंकि यह सभी नेता अपने भविष्य की खातिर कांग्रेस को बॉय—बॉय बोल कर चले दिये। लेकिन जब जावेद अहमद जैसा कार्यकर्ता पार्टी छोड़ता है तो यकीन जारिए कांग्रेस की गड़बड़ (Cong Main GadBad) का सच सामने आता है। यह चिंता का विषय है क्योंकि पार्टी की पूंजी नेता नहीं कार्यकर्ता होता है। यदि संगठन के पास कार्यकर्ता हैं तो कोई भी नेता बन जाएगा।
पालिटिकल एनालिस्ट डीके आंनद कहते हैं कि कांग्रेस में गड़बड़ (Cong Main GadBad) लंबे समय से हैं। और आलाकमान ने कभी इस गड़बड़ को दूर करने की कोशिश भी नहीं की। केन्द्र में दो सरकार, अन्य राज्यों में सरकार लेकिन यूपी में महज एक दर्जन विधायक। नेता बड़े—बड़े नाम बड़े बड़े लेकिन जीरो।
वह कहते हैं कि कांग्रेस में गड़बड़ (Cong Main GadBad) चरम पर है। यूपी कांग्रेस को कारपोरेट स्टाइल में ठीक करने की कोशिश की जा रही है। यह सही नहीं है। और न ही इस तरह से पार्टी ठीक हो पाएगी। मुधूसूदन मिस्त्री, निर्मल खत्री, राजबब्बर के तौर पर कांग्रेस में सभी प्रयोग हो चुके हैं। लेकिन सभी असफल साबित हुए। नीति निर्माताओं को यह याद रखना होगा कि हमेशा संगठन बड़ा होता है व्यक्ति नहीं। जबकि कांग्रेस में व्यक्ति बड़ा होने की परम्परा सी शुरू हो गयी है।
जावेद अहमद के इस्तीफे को रद्दी की टोकरी में फेंकने से पहले उनके द्वारा उठाये गये सवालों के जवाब नीति निर्धाकर ढूढे। जावेद अहमद की कुर्बानी तभी रंग लायेगी जब उनके द्वारा उठाये गये सवालों के जवाब ईमनादारी से नेता दे। कांग्रेस में लंबे समय से कार्यकर्ताओं की अनदेखी हो रही है। यह सवाल जावेद अहमद ने उठाया है और इसका जवाब नीति निर्धारकों को देना होगा। (Cong Main GadBad)
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