LUCKNOW : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘राष्ट्रीय पोषण माह’ के सम्बन्ध में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये यूपी के सभी जनपदों से जुड़े। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बहराइच, बलरामपुर, लखीमपुर खीरी एवं बाराबंकी जनपदों के पोषण कार्यक्रम के लाभार्थियों एवं उनके अभिभावकों के साथ संवाद भी स्थापित किया।
उन्होंने बोलते हुए कहा कि समर्थ और सशक्त राष्ट्र के निर्माण के लिए पोषण आवश्यक है। महिलाओं और बच्चों के पोषण के लिए केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा अनेक कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। देश में बच्चों और महिलाओं में कुपोषण की समस्या के समाधान पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विशेष फोकस है। इसके दृष्टिगत ‘राष्ट्रीय पोषण माह’ संचालित किया जा रहा है। यह एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य राष्ट्र को समृद्ध बनाना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभिभावकों से संवाद के दौरान उनके बच्चों की उम्र, पैदाइश के समय वजन, वर्तमान में वजन, स्वास्थ्य, प्रदान किये जा रहे पोषाहार, टीकाकरण आदि के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि पोषण के स्तर को बेहतर करने के लिए कुपोषित परिवारों, जिनके पास गाय रखने का स्थान उपलब्ध तथा गौ-पालन के इच्छुक हों, उन्हें निराश्रित गौवंश आश्रय स्थलों से गाय उपलब्ध करायी जाए।
गाय के भरण-पोषण के लिए प्रति गाय प्रतिमाह 900 रुपये भी प्रदान किये जाएं। यह व्यवस्था पहले से संचालित ‘मा0 मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना’ के अन्तर्गत की जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे परिवारों को अच्छे से अच्छा पोषण उपलब्ध कराने के लिए किचन गार्डन विकसित करने के लिए प्रेरित व प्रोत्साहित किया जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों का चिन्हांकन करके उन्हें समय से पोषण सम्बन्धी सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं। बच्चों के साथ कुपोषित मां को भी चिन्हित कर योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराया जाए। कुपोषित परिवारों के बेरोजगार लोगों को राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराया जाए। पोषण कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समुचित निगरानी को जरुरी बताते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड-19 के समय में इसे डिजिटल माध्यम से आगे बढ़ाया जाए।