LUCKNOW : सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा की असहिष्णुता को बढ़ावा देने की रीतिनीति के बुरे नतीजे सामने आने लगे हैं। प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण से बाहर है। प्रदेश की जनता सकते में है। आखिर सरेआम हत्या, लूट और बलात्कार करने वाले इन अपराधी तत्वों के हौंसले किसके बलबूते पर फल-फूल रहे हैं?
उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार में चौथे स्तम्भ पर लगातार हिंसक हमले होने लगे हैं। अपने मनमाफिक न लिखने वाले पत्रकारों पर खनन माफिया और भूमाफिया तो अपनी ताकत दिखाते ही रहे हैं अब स्थानीय अपराधी भी बेखौफ हो रहे हैं। स्वयं पुलिस कर्मी भी उनके साथी बन जाते हैं। ऐसे में न्याय पाने के लिए जनता कहां जाए?
गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी को बदमाशों ने इसलिए गोली मार दी क्योंकि उसने भांजी से छेड़छाड़ के मामले की शिकायत पुलिस से की थी। पुलिस ने कुछ किया नहीं उल्टे उन्हें शिकायत की जानकारी मिल गई। फिर तो बदमाशों की हिम्मत बढ़ गई। पुलिस ने अगर समय से कार्यवाही की होती तो पत्रकार की जान नहीं जाती।
लखनऊ में लोकभवन के सामने जिस महिला ने न्याय न मिलने पर आग लगाई थी उसकी मौत हो गई है। दबंगों पर कार्यवाही करने में पता नहीं क्यों पुलिस को पसीने आ जाते हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी में लापरवाही क्यों होती है? इस सबका दुष्परिणाम दुखद होगा ही।