1 अक्टूबर से खरीफ फसल खरीद शुरू
मंत्रिपरिषद ने खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत धान क्रय हेतु क्रय संस्थाओं को अग्रिम/ऋण उपलब्ध कराने सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। ज्ञातव्य है कि खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के अन्तर्गत धान खरीद 01 अक्टूबर, 2020 से प्रारम्भ होगी। धान क्रय की व्यवस्था को सुचारु रूप से संचालित करने, किसानों को समय से भुगतान सुनिश्चित कराने के लिए क्रय संस्थाओं को धनराशि तत्काल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है।
उ0प्र0 राज्य खाद्य एवं आवश्यक वस्तु निगम (एस0एफ0सी0) द्वारा धान क्रय हेतु कुल 3000 करोड़ रुपये की अधिकतम सीमा के अन्तर्गत कैश क्रेडिट लिमिट/अल्पकालिक ऋण उन राष्ट्रीयकृत बैंकों से लिया जाएगा, जिनकी ब्याज दर न्यूनतम हो। उक्त कार्यशील पूंजी के रूप में कैश क्रेडिट लिमिट/अल्पकालिक ऋण लिये जाने हेतु एस0एफ0सी0 को अधिकृत किया जाएगा। एस0एफ0सी0 द्वारा खाद्य एवं रसद विभाग की विपणन शाखा को उनकी आवश्यकतानुसार अल्पकालिक ऋण/अग्रिम दिया जाएगा। सम्बन्धित ऋण लिए जाने तथा ऋण की वापसी की शर्तें आदि निर्धारित करते हुए उ0प्र0 राज्य खाद्य एवं आवश्यक वस्तु निगम (एस0एफ0सी0) द्वारा ऋण की वापसी सुनिश्चित करायी जाएगी।
नोएडा इण्टरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट जेवर के संबध में
मंत्रिपरिषद ने नोएडा इण्टरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट जेवर के निर्माण हेतु कंसेशन एग्रीमेंट हस्ताक्षरित किये जाने हेतु और मलेशिया एवं भारत और स्विट्जरलैण्ड के मध्य अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानें प्रारम्भ होने (जो भी बाद में हों) से 45 दिनों के समय के साथ ही भारत में मैनडेटरी क्वारंटाइन की अवधि को सम्मिलित करते हुए अथवा दिनांक 15 अक्टूबर, 2020, जो भी पहले हो, तक समय विस्तार तथा बिड वैलिडिटी तथा सिक्योरिटी की अवधि जो दिनांक 24 अक्टूबर, 2020 तक थी उसे दिनांक 31 मार्च, 2021 तक बढ़ाये जाने के प्रस्ताव पर अनुमोदन प्रदान किया गया।
केन्द्र सरकार द्वारा संचालित ‘स्वामित्व योजना’ के
कार्यान्वयन के लिए ‘उ0प्र0 आबादी सर्वेक्षण और अभिलेख संक्रिया
विनियमावली, 2020’ के प्रख्यापन के प्रस्ताव को स्वीकृति
केन्द्र सरकार की स्वामित्तव योजना को लागू किया
मंत्रिपरिषद ने केन्द्र सरकार द्वारा संचालित ‘स्वामित्व योजना’ के कार्यान्वयन के लिए ‘उत्तर प्रदेश आबादी सर्वेक्षण और अभिलेख संक्रिया विनियमावली, 2020’ के प्रख्यापन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि भारत सरकार द्वारा ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्र के विधिमान्यीकरण हेतु ग्रामीण आबादी क्षेत्र के संचित अभिलेख तैयार करने के लिए नवीनतम ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग से सर्वेक्षण कर उनके स्वामित्व सम्बन्धी अभिलेख तैयार करने के लिए ‘स्वामित्व’ नामक योजना का शुभारम्भ राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर 24 अप्रैल, 2020 को किया गया है।
ओडीओपी योजना के लिए ब्रांडिंग शुरू करने के निर्देश
मंत्रिपरिषद ने ‘एक जनपद एक उत्पाद’ उ0प्र0 को ब्राण्ड के रूप में स्थापित किये जाने के उद्देश्य से रिटेल स्टोर्स के माध्यम से ‘एक जनपद एक उत्पाद उ0प्र0 की ब्राण्डिंग योजना’ के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह योजना निम्नानुसार प्रस्तावित की गयी है:-
1- खुदरा दुकानों को ओ0डी0ओ0पी0 उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देना।
2- ओ0डी0ओ0पी0 ग्लो साइन बोर्ड, स्टेण्डीज एवं अन्य प्रचार-प्रसार के माध्यमों से इन खुदरा दुकानों को ओ0डी0ओ0पी0 स्टोर्स के रूप में ब्राण्ड करना।
3- योजना उत्तर प्रदेश के साथ-साथ सम्पूर्ण भारत वर्ष (प्रदेश के बाहर एयरपोर्ट एवं रेलवे स्टेशन तक सीमित) में लागू होगी।
4- ओ0डी0ओ0पी0 उत्तर प्रदेश की ब्राण्डिंग योजना प्रारम्भ होने की तिथि से 03 वर्ष की अवधि तक लागू रहेगी।
5 पंचायत क्षेत्र में स्थापित ओ0डी0ओ0पी0 स्टोर्स हेतु: 40 हजार रुपये।
6- नगर पालिका क्षेत्र में स्थापित ओ0डी0ओ0पी0 स्टोर्स हेतु: 60 हजार रुपये।
7- नगर निगम क्षेत्र में स्थापित ओ0डी0ओ0पी0 स्टोर्स हेतु: 01 लाख रुपये।
आचार्य पद पर संविदा के आधार पर नियुक्ति के संबध में
नवस्थापित चिकित्सा संस्थानों/विश्वविद्यालयों में राजकीय चिकित्सा शैक्षणिक संस्थाओं तथा आम्र्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विसेज से सेवानिवृत्त चिकित्सा शिक्षकों को आचार्य के पद पर संविदा के आधार पर पुनर्नियोजित किये जाने के सम्बन्ध में
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई, इटावा, सुपर स्पेशियलिटी बाल चिकित्सालय एवं स्नातकोत्तर शैक्षणिक संस्थान, नोएडा, राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ग्रेटर नोएडा तथा उच्चस्तरीय कैंसर संस्थान एवं चिकित्सालय, लखनऊ में आचार्य के रिक्त नियमित पदों के सापेक्ष अन्य राजकीय मेडिकल काॅलेजों/चिकित्सा संस्थानों/चिकित्सा विश्वविद्यालयों तथा आम्र्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विसेज से सेवानिवृत्त चिकित्सा शिक्षकों में से ऐसे आचार्य (प्रोफेसर), जो अधिवर्षता आयु पूर्ण कर सेवानिवृत्त हुए हैं, को आचार्य (प्रोफेसर) (कंसल्टेन्ट) के रूप में निर्धारित शर्ताें एवं प्रतिबन्धों के आधार पर 2,20,000 रुपये प्रतिमाह के नियत पारिश्रमिक पर पुनर्नियोजित किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
आंगनबाड़ी/मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अनुपूरक पुष्टाहार को स्वीकृति
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के समस्त जनपदों में आंगनबाड़ी/मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अनुपूरक पुष्टाहार (टेकहोम राशन तथा माॅर्निंग स्नैक्स) की आपूर्ति हेतु अनुपूरक पोषाहार का उत्पादन एवं आपूर्ति राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूहों द्वारा किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके लिए बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग तथा उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के मध्य एम0ओ0यू0 का निष्पादन कर तद्नुसार योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। अनुमोदन के समय से अन्तर्विभागीय समिति द्वारा एस0ओ0पी0 का निर्धारण कर 04 से 06 सप्ताह के भीतर संचालन प्रारम्भ कर दिया जाएगा।
इटावा जेल के संबध में
निर्माणाधीन जिला कारागार इटावा के निर्माण कार्याें को पूर्ण कराये जाने हेतु पुनरीक्षित लागत की स्वीकृति एवं नवनिर्मित कारागार को केन्द्रीय कारागार इटावा घोषित करने का प्रस्ताव स्वीकृत
मंत्रिपरिषद ने निर्माणाधीन जिला कारागार इटावा के निर्माण कार्याें को पूर्ण कराये जाने हेतु पुनरीक्षित लागत 27231.30 लाख रुपये की स्वीकृति एवं नवनिर्मित कारागार को केन्द्रीय कारागार इटावा घोषित करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
मुरादाबाद के बिलारी और सम्भल के बनियाखेड़ा विकास खण्ड के पुनर्गठन के प्रस्ताव को स्वीकृति
मंत्रिपरिषद ने जनपद मुरादाबाद के अन्तर्गत बिलारी विकास खण्ड एवं जनपद सम्भल के अन्तर्गत बनियाखेड़ा विकास खण्ड के पुनर्गठन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके अन्तर्गत, विकास खण्ड बनियाखेड़ा की 45 ग्राम पंचायतों तथा विकास खण्ड बिलारी की 28 ग्राम पंचायतों, कुल 73 ग्राम पंचायतों को सम्मिलित करते हुए जनपद सम्भल के विकास खण्ड बनियाखेड़ा का पुनर्गठन किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है। इसके अलावा, विकास खण्ड बनियाखेड़ा की 40 ग्राम पंचायतों तथा विकास खण्ड बिलारी की 53 ग्राम पंचायतों, कुल 93 ग्राम पंचायतों को सम्मिलित करते हुए जनपद मुरादाबाद के अन्तर्गत विकास खण्ड बिलारी के पुनर्गठन प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया गया है।
ज्ञातव्य है कि विकास खण्ड बनियाखेड़ा का मुख्यालय जनपद सम्भल में है, लेकिन उसके ग्राम दोनों ही जनपद मुरादाबाद एवं सम्भल में पड़ते हैं। इसी प्रकार, बिलारी विकास खण्ड का मुख्यालय जनपद मुरादाबाद में है। परन्तु इसके अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायतें दोनों जनपदों में पड़ती हैं। इस कारण प्रशासनिक कठिनाइयों के साथ-साथ एवं आम जनता को असुविधा होती थी। मंत्रिपरिषद ने प्रशासनिक दृष्टिकोण एवं आमजन की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए दोनों विकास खण्डों के पुनर्गठन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।
गौतमबुद्धनगर का दनकौर विकास खंड समाप्त
मंत्रिपरिषद ने जनपद गौतमबुद्धनगर के अन्तर्गत विकास खण्ड दनकौर को समाप्त कर विकास खण्ड बिसरख, दादरी एवं जेवर के पुनर्गठन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। ज्ञातव्य है कि वर्तमान में विकास खण्ड बिसरख में 06 ग्राम पंचायतें, विकास खण्ड दनकौर में 12 ग्राम पंचायतें, विकास खण्ड दादरी में 48 ग्राम पंचायतें एवं विकास खण्ड जेवर में 22 ग्राम पंचायतें अवस्थित हैं। पुनर्गठन के पश्चात विकास खण्ड दादरी में 30 ग्राम पंचायतें, जेवर में 34 तथा बिसरख में 24 ग्राम पंचायतें अवस्थित होंगी। विकास खण्डों के माध्यम से जनसाधारण तक विकास कार्याें का लाभ बेहतर ढंग से पहुंचाने तथा विकास खण्डों तक आमजन की पहुंच को सहज बनाने के उद्देश्य से मंत्रिपरिषद द्वारा विकास खण्ड दनकौर की समस्त पंचायतों को विकास खण्ड जेवर में शामिल करते हुए विकास खण्ड दादरी, जेवर एवं बिसरख के पुनर्गठन प्रस्ताव का निर्णय लिया गया है।
आई0टी0आर0 कं0लि0 बरेली के कर्मचारियों के भुगतान के सम्बन्ध में
मंत्रिपरिषद ने आई0टी0आर0 कं0लि0 बरेली के कर्मचारियों व अन्य लम्बित देयताओं के भुगतान हेतु कम्पनी की गाटा संख्या-307, बंगला नं0-11 में स्थित 18920 वर्ग मीटर भूमि (4.67 एकड़) को सर्किल दर 33,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से कुल 62.436 करोड़ रुपये में कर्मचारी राज्य बीमा निगम के पक्ष में अस्पताल निर्माण हेतु विक्रय किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके लिए स्टाम्प ड्यूटी एवं अन्य व्यय क्रेता कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा वहन किया जाएगा। उक्त भूमि के विक्रय के पश्चात प्राप्त धनराशि से कम्पनी के कर्मचारियों एवं अन्य लम्बित देयताओं के भुगतान के उपरान्त उसका विवरण एवं व्यय धनराशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र शासन को उपलब्ध कराया जाएगा। प्रस्तावित भूमि के विक्रय से प्राप्त धनराशि, कम्पनी की देयताओं से अधिक प्राप्त होती है एवं कम्पनी की कोई अन्य देयता नहीं है तो शेष धनराशि राज्य कोष में जमा की जाएगी। आयुक्त, बरेली मण्डल, बरेली/प्रबन्ध निदेशक, आई0टी0आर0 कं0लि0, बरेली द्वारा प्रश्नगत भूमि के राजस्व अभिलेखों की पुष्टि के उपरान्त अग्रेतर कार्यवाही की जाएगी।