AGENCY ians: उत्तर प्रदेश के रामपुर से बड़ी खबर आ रही है। एक तरफ जहां जौहर युनिवर्सिटी मे कोविड हास्पिटल बन चुका है। आजम खा पर मुकदमों का दौर जारी है तो शाही परिवार की प्रापर्टी में भी बंटवारे की खबरें आ रही है।
रामपुर के नवाब, रजा अली खान, 1949 में आजादी के बाद भारत में पहली बार इस शर्त पर शामिल हुए थे कि दो चीजें नहीं बदलेंगी एक संपत्ति का स्वामित्व और दूसरा प्राइमजेनिचर का अधिकार। बस यही वह दो चीजें थी जिसके चलते शाही परिवार में प्रापर्टी का बंटवारा नहीं हो पा रहा था।
रामपुर के जिला और सत्र न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुतियों में, अदालत द्वारा नियुक्त आयुक्तों ने शनिवार को रामपुर के आखिरी नवाब की संपत्ति का अनुमान लगा लिया गया है। परिवार की संपत्ति का मूल्याकंन 2,664 करोड़ रुपये हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट ने दावेदारों के बीच संपत्ति के बंटवारे के लिए जो दिसंबर की समय सीमा तय की थी, उसे पूरा करने के लिए अदालत अब रोजाना सुनवाई करेगी। सन् 1966 में उनके निधन के बाद दोनों ने एक विवाद को जन्म दिया, जिसने देश में सबसे लंबे समय तक चलने वाले सिविल सूट में से एक को जन्म दिया जो अब अपने 48वें वर्ष में है।
उनके परिवार में छह बेटियां और तीन बेटे रह गए। पांच संपत्तियों में 18 दावेदार हैं, जिनमें पूर्व सांसद बेगम नूर बानो और पूर्व विधायक काजिम अली खान शामिल हैं।
अचल संपत्तियों के लिए अदालत द्वारा नियुक्त आयुक्त, अरुण प्रकाश सक्सेना के अनुसार, खासबाग पैलेस 350 एकड़ जमीन में है, बेनजीर कोठी और बाग 100 एकड़ जमीन पर हैं, शाहबाद कैसल 250 एकड़, कुंडा बाग 12,000 वर्ग मीटर और नवाब का निजी रेलवे स्टेशन 19,000 वर्ग मीटर में बना हुआ है।
उन्होंने कहा, इन अचल संपत्तियों की कीमत लगभग 2,600 करोड़ रुपये आंकी गई है। खासबाग पैलेस की कीमत 1,435 करोड़ रुपये आंकी गई है।