LUCKNOW : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 की टेस्टिंग के लिए आईसीएमआर की तीन नयी उच्च क्षमता की टेस्टिंग सुविधाओं का वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोकार्पण किया। यह टेस्टिंग सुविधाएं राष्ट्रीय संस्थानों आईसीएमआर-नेशनल इंस्टीट्यूट आफ कैंसर प्रिवेंशन एण्ड रिसर्च आईसीएमआर नेशनल इंस्टीट्यूट फाॅर रिसर्च इन रीप्रोडक्टिव हेल्थ,एवं आईसीएमआर -नेशनल इंस्टीट्यूट आफ काॅलरा एण्ड एन्टेरिक डिज़ीजे़ज़ कोलकाता में स्थापित की गयी हैं।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि जब तक कोविड-19 के लिए कोई दवा अथवा वैक्सीन नहीं बन जाती है, तब तक इसके संक्रमण से बचाव के लिए मास्क, ग्लव्स, सैनिटाइजर, दो गज की दूरी आदि का पालन जरूरी है। देश में जिस तरह से सही समय पर सही फैसले लिए गए, उससे भारत अन्य देशों के मुकाबले संभली हुई स्थिति में है। नोवेल कोरोना वायरस के विरुद्ध भारत की सफलता से विश्व आश्चर्यचकित है। उन्होंने भरोसा जताया कि कोविड-19 से हम लड़ेंगे भी और जीतेंगे भी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर, मुम्बई, कोलकाता देश में आर्थिक गतिविधियों के बड़े केन्द्र हैं। आज लोकार्पित नयी टेस्टिंग सुविधाओं से इन स्थानों में 10 हजार टेस्टिंग क्षमता की वृद्धि हो रही है। नयी टेस्टिंग सुविधाओं से उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र तथा पश्चिम बंगाल को कोविड-19 के विरुद्ध संघर्ष में उपयोगी व मददगार साबित होंगी। इन हाईटेक प्रयोगशालाओं में कोविड-19 के अलावा भविष्य में हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, एचआईवी, डेंगू सहित अन्य बीमारियों की जांच सुविधा उपलब्ध होगी।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि एक समय एन-95 मास्क आयात करना पड़ता था। आज देश में प्रतिदिन 03 लाख से अधिक एन-95 मास्क बनाए जाते हैं। वर्तमान में भारत प्रतिवर्ष 03 लाख वेण्टीलेटर बनाने में सक्षम है। इसके साथ ही, मेडिकल आॅक्सीजन सेण्टर की संख्या में भी वृद्धि हुई है। इससे देशवासियों का जीवन बच रहा है। जिन वस्तुओं का कभी आयात करना पड़ता था, आज उनका निर्यात सम्भव हो पा रहा है। इतने कम समय में इतना बड़ा फिजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करना एक बड़ी उपलब्धि है।