RAMPUR : लंबे समय से जेल में परिवार के साथ बंद आजम खां की जल्द रिहाई दिखाई नहीं दे रही है। उन्हें ताजा झटका इलाहाबाद हाईकोर्ट से लगा है जिसमें कोर्ट ने आजम खां के साथ ही उनकी विधायक पत्नी तंजीन फातिमा और पूर्व विधायक बेटे अब्दुल्ला की जमानत अर्जी हाईकोर्ट को खारिज कर दिया है। यह आदेश न्यायामूर्ति सुनीत कुमार की एकल पीठ ने दिया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह आदेश दोनों पक्षों की ओर से दाखिल जमानत अर्जी के बाद सुनाया। कोर्ट ने आदेश सुनाते हुए कहा कि याचीगण प्रभावशाली व्यक्ति हैं। प्रदेश के तमाम विभागों के मंत्री रह चुके हैं। ऐसे में उनके द्वारा साक्ष्यों को प्रभावित किए जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
गौरलतबह है कि रामपुर में सरकारी जमीन पर कब्जा करने के साथ वक्फ की संपत्ति जौहर यूनिवर्सिटी में शामिल करने तथा बेटे का फर्जी आयु प्रमाणपत्र बनवाने के मामले में आजम खां जेल में बंद हैं। इनकी जमानत को लेकर दायर याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई करने के बाद 19 नवंबर को फैसला सुरक्षित रखा था।
आजम खां, अब्दुल्ला आजम और तंजीन फात्मा के खिलाफ रामपुर के भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने केस दर्ज कराया था। सक्सेना ने आजम खां के मामले में सीबीआई डायरेक्टर और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पत्र लिखकर सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां पर रामपुर में वक्फ संपत्तियों को कब्जाने और हेराफेरी कर इनको जौहर यूनिवर्सिटी के नाम कराने का आरोप लगाया है। सक्सेना ने आजम खां के सारे वक्फ घोटालों की जांच भी सीबीआई से कराने की मांग की है।