3 March : गुलशन से राजा को लड़वाया तब जाके अखिलेश कहलायां। (Thakur Leadership) अखिलेश यादव ने गुलशन रूपी गुगली में राजा भैया को फंसा कर योगी आदित्यनाथ को क्या क्लीन बोल्ड कर दिया है? क्या अखिलेश यादव ने गुलशन के चेहरे को आगे कर यादव वोट बैंक को सहेज कर रखने का काम किया है। क्या गुलशन यादव और राजा भैयया रूपी जंग को जन्म देकर अखिलेश यादव ने ठाकुर लीडरशिप (Thakur Leadership) में सेंध लगाने का काम किया है? यह वह बड़े सवाल है जिनका जवाब 10 मार्च के बाद मिल जायेगा। लेकिन अखिलेश यादव की राजनीति से यूपी में क्षत्रियों का बड़ा लीडर कौन? है। रूपी सवाल को जन्म दे दिया है। राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ या फिर राजा भैया।
इस खबर को जरूर पढ़ें : Rally में इन्द्रजीत सरोज लेकर BSP Suprimo Mayawati ने कहीं यह बात…
पिछले पांच वर्षो से यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ खुद को क्षत्रिय छत्रप के तौर पर स्थापित करने में लगे हैं। लेकिन राजनाथ सिंह की खीची लंबी लाइन को क्रास नहीं कर पाये। ऐसे में राजा भैया के मन में भी लंबे समय से खुद को क्षत्रियों के बड़े नेता (Thakur Leadership) के तौर पर स्थापित करने का मन मचल रहा था।
इस खबर को जरूर पढ़ें :Disguise : भेष बदल कर पहुंचे रेड डालने इनकम टैक्स अधिका किया यह काम
उन्हें इस बात का अहसास हो चुका था कि किसी दल के पिछलग्गू नेता के तौर पर वह खुद को क्षत्रिय राजनीति में स्थापित नहीं कर पाएंगे। बस उन्होंने आनन फानन में अपना एक दल बनाया और यूपी के भ्रमण पर निकल गये। इस बार उन्होंने 19 प्रत्याशियों को। (Thakur Leadership)
इस खबर को जरूर पढ़ें : UP Live News: यूपी में राष्ट्रपति शासन, ओमीक्रान ला सकता है अपने साथ!
वैसे अगर बात की जाये तो यूपी में क्षत्रिय लीडरशिप (Thakur Leadership) की भरमार है। हर जिले में दो चार बड़े क्षत्रिय छत्रप आप को मिल जायेंगे जिनका वर्चस्व अपने—अपने क्षेत्र में होगा। ऐसे में यूपी की राजनीत में अगर क्षत्रियों के नेतृत्तव के तौर पर नाम देखेने की कोशिश की जाए तो कई नाम सामने आयेगे और इस प्रश्न का उत्तर अभी भी नहीं मिल पाएगा कि क्षत्रियों (Thakur Leadership) का नेता कौन है?
इस खबर को जरूर पढ़ें : Jawed Habib सिर्फ थूकता ही नहीं बल्कि यह गंदा काम भी करता है