LUCKNOW : सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव से खाली कराई गयी कोठियां सुनसान पड़ी है और तेजी से खंडहर में तब्दील हो रही है। गौरतलब है कि यूपी में योगी सरकार के उदय के बाद अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव समेत दूसरे कई नेताओं से कानून का हवाल देकर उनके सरकारी आवासों को खाली कराया गया था।
लेकिन कई वर्ष बीत जाने के बाद भी उन अवासों का वैकल्प्कि इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है और यहां सन्नाटा है। कई बार चर्चाओं का बाजार गर्म हुआ कि मुलायम सिंह यादव की कोठी को राजा भैया को एलाट किया गया है। लेकिन राजा भैय्या ने उसे लेने से इंकार कर दिया।
गौरतलब है कि अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव समेत पूरे देश में पूर्व मुख्यमंत्रीयों को मिलने वाली सुविधाओं के तौर पर राज्य सम्पत्ति विभाग सरकारी मकान एलाट करता है। लेकिन एक पीआईएल के बाद कोर्ट ने नेताओं से इन मकानों को खाली कराने का आदेश दिया था।
पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का निजी मकान
मुलायम सिहं यादव को कालीदास मार्ग से सटे विक्रामादित्य मार्ग पर मकान मिला था। कहते हैं कि इस कोठी में कोई आर्दश्य शक्ति थी जो मुलायम सिंह यादव की मदद करती थी। मुलायम जब से इस कोठी में आये वह राजनीतिक तौर पर मजबूत होते चले गये। इसी कोठी से पूरे पूरे यूपी का संचालन होता था।
यह वही कोठी है जहां तिल रखने की जगह नहीं होती थी और कारो का काफिला यहां हर समय रहता था। लेकिन अब यहां सन्नाटा है। न कार है न हार्न है और न ही ट्रैफिक जाम। क्योंकि मुलायम सिंह यादव ने इस कोठी से महज चंद गज पहले अपना निजी आवास बनावा लिया। बिल्कुल समाजवादी पार्टी कार्यालय के सामने। अब लोगों का हुजूम मुलायम सिंह यादव के नये आवास पर लगता है।
सवाल यही है कि यदि इन आवासों को खाली कराया गया था तो इनका बेहतर इस्तेमला होना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।