यूपी की राजनीति में यह दो बड़ी घटनाएं होना अभी बाक़ी है।
LUCKNOW : यूपी की राजनीति (UP Politics) में अभी यह दो बड़ी घटनाएं होना बाकी है। इलेक्शन कमीशन ने यूपी में चुनाव होने का संकेत दे दिया है। संकेत मिलते ही सभी राजनीतिक दलों ने अपनी रणीनति को फाइनल कर दी है। सीएम योगी ने 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर शपथ ली थी। इस लिहाज से यूपी में नवम्बर के आखिरी सप्ताह से पहले चुनाव आचार संहिता लग जाएगी। चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट के पुन:रिक्षण का कार्य युद्ध स्तर पर शुय कर दिया है।
बात सबसे पहले बीजेपी की
यूपी की राजनीति (UP Politics) में सधी चाल में चलती भारतीय जनता पार्टी के आलाकमान ने दिल्ली में यूपी के एक बड़े नौकरशाह, प्रदेश अध्यक्ष और आईटी टीम के प्रमुख को बुलाकर त्रिस्तरीय रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। बीजेपी मेक्रो लेवल पर चुनाव लड़ेगी और सभी प्रमुख चेहरों का इस्तेमाल यूपी के चुनाव में करेगी। गुजरात का कामयाब फार्मूला पन्ना प्रमुख को यूपी में भी लागू कर दिया है। देश के सभी बड़े बीजेपी नेताओं को पन्ना प्रमुख बनाया गया है। यदि यूपी (UP Politics) में यह फार्मूला कामयाब होता है तो बीजेपी को टक्कर देना किसी भी सियासी दल के लिए मुश्किल होगा।
बात समाजवादी पार्टी की
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पूरी ताकत के साथ इस बार चुनाव मैदान में हैं। अभी तक जो राजनीतिक गल्तियां उनसे हुई है इस बार उन्होंने उससे सीखा है। परसेप्शन की राजनीति (UP Politics)उत्तर प्रदेश में चलती है और ग्रांउड रिपोर्ट इसी ओर इशारा कर रहा है कि अगले मुख्यमंत्री के तौर पर अखिलेश यादव का परसेप्शन बन चुका है । प्रत्येक विधानसभा सीट पर उन्होंने प्रमुख नेताओं को सपा ज्वाइन करा के 25 हजार अतिरिक्त वोटों का जुगाड़ कर लिया है।
बात कांग्रेस और बीएसपी की
जब से प्रियंका ने कमान संभाली है तबसे कांग्रेस में जान दिखाई दे रही है। लेकिन जीत की दहलीज से दूर है। कांग्रेस की रणीनीति (UP Politics) इवेंट बेस्ड होगी और नारों के जरिये वह कुछ प्रमुख सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ेगी। वही बीएसपी हमेशा की तरह एकला चलो सायलेंट मोड में काम करती दिखाई दे रही है। कमान महासचिास सतीश चन्द्र मिश्रा के हाथों में हैं।