Agency : कोरोना अपने साथ अजब—गजब किस्से, कहानिंया और हादसे लेकर आया है। देश के अलग—अलग हिस्सों के क्वावरेंटीन सेंटरों में घटित घटनाओं को यदि देखेंगे तो उसे देख कर हंसी भी आएगी, गुस्सा भी आएगा। आज बात बिहार की। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि बिहार में बढ़ती जनसंख्या से चिंतित राज्य सरकार ने क्वोरंटीन सेंटरों में रहने वालों को न केवल स्वास्थ्य, योग आदि का प्रशिक्षण दिया और उनकी स्किल मैपिंग की, बल्कि उनके घर वापस जाने के समय उन्हें परिवार नियोजन से संबंधित जानकारियां व गर्भ निरोधक सामग्रियां भी दी गईं।
उन्होंने बताया कि सुशील मोदी ने बताया कि बिहार में क्वोरंटीन सेंटर में बाहर से आने वालों की संख्या बढ़ी तो बंटने वाले कंडोम की संख्या 15 लाख को पार कर गयी। कोरोना काल में अभी तक बिहार सरकार जनसंख्या में इजाफे को कंट्रोल करने के लिए कुल 17.53 लाख कंडोम बांट चुकी है।
उप मुख्यमंत्री के मुताबिक प्रत्येक दशक में बिहार की जनसंख्या में 25 फीसदी की वृद्घि हो रही है। वैसे लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा, बाल विवाह निषेध व अन्य निरोधात्मक उपायों को अपना कर पिछले एक दशक में प्रजनन दर को 4़3 से घटा कर 3़2 पर लाने में सफलता मिली है।
उन्होंने आगे कहा, जनसंख्या स्थिरीकरण के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए फ्रंटलाइन आशा कार्यकर्ताओं और एनएनएम द्वारा कोरोना संक्रमण के घर-घर सर्वें के दौरान और 14 दिन की क्वोरंटीन अवधि पूरी कर घर जाने वालों को परिवार नियोजन के बारे में सजग किया गया तथा जिन्हें जरूरत थी, उन्हें दो-दो पैकेट कंडोम उपलब्ध कराए गए।
भाजपा नेता ने कहा कि योग्य दंपतियों को उनकी इच्छानुसार इस दौरान करीब 11 लाख दैनिक व आपातकालीन गर्भ निरोधक गोलियों का भी वितरण किया गया। मोदी ने अपील की कि प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्र पर भी गर्भ निरोधक सामग्रियां उपलब्ध हैं, जिन्हें जरूरत हो वहां से ले सकते हैं।