PATNA : बिहार में नये जमाने का नया गठबंधन देखने को मिल सकता है। राजनीतिक मौसम वैज्ञानिक के तौर पर संज्ञातित राम विलास पासवान के बेटे चिराग पासवान राजद के लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव के साथ चुनाव लड़ने के सिग्नल दे रहे हैं। उनके इन सिग्नल से बिहार के राजग का तापमान बढ़ गया है। चिराग पासवान के तेजस्वी यादव के सुर में सुर में मिलाने के बाद बिहार में कयासों का बाजार गर्म हो गया।
राजनीतिक विषलेशक ध्रुव कुमार शुक्ला के मुताबिक इसे सीटों के लिए दबाव बनाने कि क्रिया के तौर पर भी देखा जा सकता है। कुल मिलाकर बिहार में नीतिश कुमार ने लालू प्रसाद यादव की पार्टी के पांच प्रमुख नेताओं को अपने दल में मिलाकर जो बढ़त बनाई थी वह तेजस्वी के इस कदम से कमजोर साबित होगी।
बिहार के सियासी समीकरण समतल नहीं है। उबड़ खाबड़ स्थितियों मे कौन किस तरफ चला जाए कहा नहीं जा सकता। नीतीश कुमार और बीजेपी के साथ बिहार के कई छोटे दलों का गठबंधन है। उसमें चिराग पासवान की पार्टी भी शामिल है। गौरतलब है कि राम विलास पासवान ने किसी से भी गठबंधन करने की छूट चिराग को दे रखी है और बयान जारी कर कहा है कि वह चिराग के किसी भी निर्णय के साथ होंगे।
जनता दल (युनाइटेड) से नाराज चल रहे चिराग ने कोरोना काल में बिहार विधानसभा चुनाव नहीं कराने की बात कहकर तेजस्वी का समर्थन किया है। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या चिराग की नजदीकी महागठबंधन के नेताओं से बढ़ रही है। हाल के दिनों में चिराग की जद (यू) से नाराजगी किसी से छिपी नहीं है।
चिराग कई बार बिहार सरकार की सार्वजनिक मंचों से आलोचना कर चुके हैं। चिराग ने लोजपा के मुंगेर जिला अध्यक्ष को केवल इसलिए पद से हटा दिया कि उसने राजग के एकजुट होने की बात मीडिया में कही थी।
सूत्रों के मुताबिक, चिराग पासवान राजग में सीट शेयरिंग की बातचीत से नाराज हैं। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चिराग पासवान से काफी नाराज चल रहे हैं और बिहार विधानसभा चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी को केवल 25 से 30 सीट देने के पक्ष में हैं, वही चिराग पासवान की मांग है कि चुनाव में उनकी पार्टी को कम से कम 42 सीटें दी जाए।
कुल मिलाकर यदि चिराग और तेजस्वी साथ में चुनाव लड़ते है तो इससे नीतीश कुमार का गठबंधन कमजोर होगा ।