NEW DELHI : सरकार ने आज से कंज्यूमर प्रोटेक्शन को पूरे देश में लागू करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। नया कानून कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 1986 का स्थान लेगा। नए कानून में उपभोक्ता किसी भी उपभोक्ता न्यायालयों में मामला दर्ज करा सकेगा।
आज से लागू हो रहे नए कानून में ग्राहकों को पहली बार नए अधिकार मिलने जा रहे हैं। उपभोक्ता किसी भी उपभोक्ता अदालत में मामला दर्ज करा सकेगा। कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 1986 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। सरकार ने इस अधिनियम में कई बदलाव किए हैं। सरकार का दावा है कि इसे लागू हो जाने के बाद अगले 50 सालों तक देश में कोई और कानून बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
— पहले इस नए कानून को जनवरी महीने में लागू करना था, लेकिन किसी कारण से लागू नहीं हो सका। फिर तारीख बढ़ा कर मार्च महीने में कर दी गयी। मार्च महीने से देश में कोरोना का प्रकोप शुरू हो गया और फिर लॉकडाउन लगने के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका अब इस कानून के लागू हो जाने के बाद उपभोक्ता से संबंधित की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई शुरू हो जाएगी। खासकर अब ऑनलाइन कारोबार में उपभोक्ताओं के हितों की अनदेखी कंपनियों पर भारी पड़ सकती है।
— नए कानून में उपभोक्ताओं को भ्रामक विज्ञापन जारी करने पर भी कार्रवाई की जाएगी। नए उपभोक्ता कानून आने के बाद उपभोक्ता विवादों को समय पर, प्रभावी और त्वरित गति से निपटारा किया जा सकेगा। नए कानून के तहत उपभोक्ता अदालतों के साथ-साथ एक केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) बनाया गया है। इस प्राधिकरण का गठन उपभोक्ता के हितों की रक्षा कठोरता से हो इसके लिए की गई है। नए कानून में उपभोक्ता किसी भी सामान को खरीदने से पहले भी उस सामान की गुणवत्ता की शिकायत सीसीपीए में कर सकती हैं ।
— कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 लागू हो जाने के बाद उपभोक्ता किसी भी उपभोक्ता न्यायालयों में मामला दर्ज करा सकेगा। पहले के कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 1986 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। इसको आप ऐसे समझ सकते हैं। मान लीजिए कि आप बिहार के रहने वाले हैं और मुंबई में सामान खरीदते हैं। मुबंई के बाद आप गोवा चले जाते हैं और वहां पता चलता है कि आपने जो सामान खरीदा है उसमें खराबी है तो आप गोवा के ही किसी उपभोक्ता फोरम में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। अगर आप बिहार लौट जाते हैं तो आप नजदीक के किसी भी उपभोक्ता फोरम में उसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। पहले के उपभोक्ता कानून में इस तरह की सुविधा नहीं थी। आपने जहां से सामान खरीदा है वहीं जा कर आपको शिकायत दर्ज करानी पड़ती।