सुपर एक्सक्लूसिव खबर जरूर पढ़ें।
हर तीन मिनट में रोड एक्सीडेंट में हो जाती है एक व्यक्ति की मौत
भारत में तेजी से बड़ रहा है रोड एक्सीडेंट का डाटा
सजा 2 साल से बढ़ाकर 10 साल तक किए जाने का था प्रवाधान
चिकनी सपाट सड़के, नये एक्सप्रेस वे और लेटेस्ट टेक्नॉजी बदलते भारत में जहां बहुत कुछ बदला वहीं रोड एक्सीडेंट (Road Accident) के बाद हो रही मौतों के आकंडे में भी तेजी से बदलाव आया। दंबग हो या फिर रईसजादे, ड्रंक एंड ड्राइव कर रहे ड्राइवर की गलती से कोई भी अंजान व्यक्ति असमय काल के गाल में समा रहा था। सरकार चिंतित थी और वह सड़क दुघर्टना (Road Accident) के आरोपी को सजा दिलाने के लिए वचनबद्ध।
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कमजोर क़ानून के चलते सड़क दुर्घटना (Road Accident) पीड़ितों को न्याय मिलने में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए सरकार ने नया कानून बनाया। लेकिन यह क्या अस्त्तिव में आने से पहले ही बमचक शुरू हो गयी और कानून का सबसे ज्यादा विरोध ट्रक ड्राइवरों ने किया। क्योंकि सड़क पर सबसे ज्यादा मौते ट्रक/बस एक्सीडेंट के बाद ही होती है। जगह—जगह चक्का जाम कर दिया गया। मंडियों में सब्जियों की आवक कम हो गयी। पेट्रोल पंप पर तेल की कमी के साथ लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने में पसीने छूट गये। लोगों की परेशानियो को देखते हुए सरकार बैकफुट पर आई और उसने हड़तालियों से बातचीत के बाद ही कानून को लागू करने का प्रामिस किया।
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हालांकि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को अपनी सहमति दे दी है और इसे 26 जनवरी से पहले अधिसूचित किया जा सकता था। गृह मंत्रालय का कहना है कि इस बदलाव से एक ऐसी प्रणाली स्थापित की जाएगी जिसके जरिए कोई भी पीड़ित 3 साल के अंदर न्याय पा सकेगा। (Road Accident)
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क्या आप को मालूम है कि भारत में हर तीसरे मिनट में एक व्यक्ति की सड़क दुर्घटना (Road Accident) में मौत् हो जाती है। जी हां हमारे देश में सड़क दुघर्टना में मौत का आंकड़ा तेजी से बड़ रहा है। सरकार रोड पर हो रही मौतों से चिंतित थी और वह इस आंकड़े को कम करने के लिए ऐसे सशक्त कानून को लेकर आई जिसमें जिम्मेदार व्यक्ति् को सजा दी जा सके।
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यह बात ट्रक ड्राइवर्स क्मयुनिटी को नागवार गुजरी और उसने इस कानून का विरोध किया। चुनाव में सर पर है और सरकार नहीं चाहती कि निगेटिविटी जन्म में। इसी लिए उसने बातचीत का दरवाजा तुरंत खोल दिया। इससे पहले कृषि कानूनों को लेकर भी किसानों ने सरकार का जम कर विरोध किया था। (Road Accident)
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ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के प्रतिनिधियों ने मंगल के दिन केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला से मुलाकात की। बैठक के दौरान भल्ला ने उन्हें बताया कि नए कानून के तहत प्रावधानों को अभी तक अधिसूचित नहीं किया गया है। उन्होंने उन्हें यह भी आश्वासन दिया कि मंत्रालय इसे लागू करने से पहले एआईएमटीसी के साथ चर्चा करेगा। (Road Accident)
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