सरकार टुडे — उम्मीद के खिलाफ जनादेश (After Verdict) के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव क्या करेंगें? क्या वह करहल से विधायक के तौर पर जीती सीट से इस्तीफा देंगे या फिर आजमगढ़ के सांसद के तौर पर जीती सीट से इस्तीफा देंगे। एक सीट तो उन्हें छोड़नी ही पड़ेगी। जनादेश के बाद अब वह निर्णय क्या लेंगे इससे आगे की राजीनति का विकल्प खुलेगा।
2022 के जनादेश (After Verdict) ने उन्हें मजबूत विपक्ष का जनादेश दिया है। जानकारों के मुताबिक उन्हें इस जनादेश (After Verdict) को स्वीकार करना चाहिए और आजमगढ़ की सांसद सीट से इस्तीफा देकर यूपी विधानसभा के नेता विरोधी दल के तौर पर काम करना चाहिए। क्योंकि मौजूदा नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी अपना चुनाव हार गये है और सपा के समाने अब नेता विरोधी दल के तौर पर किसका नाम आगे बड़ता है यह देखना होगा।
जनादेश (After Verdict) के बाद जीत कर आये मौजूदा विधायकों की लिस्ट में इस पद के लिए सबसे उपयुक्त नाम शिवपाल सिंह यादव का है। उसके बाद महबूब अली का नाम आता है। महबूब अली लगातार 7वीं बार बंपर वोटो से चुनाव जीत कर आये हैं। आजम खां इस पद पर उपयुक्त नहीं बैठेंगे क्योंकि उनके बयानो से बीजेपी को फायदा होता है।
यदि अखिलेश यादव इस पद को स्वीकार करते हैं तो इससे समाजवादी पार्टी को लोकसभा चुनाव में फायदा होगा। अखिलेश यादव की फेस वैल्यू बरकार रहेगी और वह योगी के विकल्प के तौर पर ज्यादा मजबूती से उभर कर सामने आऐंगे। यदि अखिलेश यादव नेता विरोधी दल नहीं बनते हैं तो मायावती की तरह वह भी राजनीतिक एकांतवाद के शिकार हो सकते हैं।
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