MAU : जन सेवा केन्द्र पर आधार कार्ड आदि बनवाने आये ग्रामणों के अगूंठों के निशान के क्लोन कर भारी मात्रा में पैसों की निकासी हो रही है। जी हां खबर मउ सें है और सभी को सजग होने की जरूरत है। मनोज शर्मा नाम के युवक ने पुलिस से शिकायत किया था कि उसके खाते से 09 लाख 50 हजार रुपये निकाल लिये गये है।
मनोज शर्मा की शिकायम का संज्ञान लेते हुए इस केस को क्राइम ब्रांच को सौपा गया। क्राइम ब्रांच ने जब केस पर काम करना शुरू किया तो मामले की भयनकता का अंदाजा लगा कि यह भी हो सकता है। पुलिस अधीक्षक त्रिभिवन नाथ त्रिपाठी ने बताया कि 29 जून को पुलिस ने दोहरीघाट थाने के अवरवा चेक पोस्ट के पास से चार पहिया वाहन में सवार 05 लोगों को गिरफ्तार किया।
जिसमें घोसी कोतवाली के खत्रीपार निवासी राहुल खत्री, आजमगढ जनपद के सिधारी थाने के भदुली निवासी सोनू शर्मा, घोसी कोतवाली के सरायसादी निवासी त्रीभूवन, आजमगढ जनपद के अतरौलिया थाने के बढया गांव निवासी सदीप और आजमगढ जनपद के निजामाबाद निवासी विरेन्द्र यादव है।
पुलिस ने इनके पास से 03 लैपटाप, हार्ड डिवाइस व वाईफाई हाट स्पाट और 19 हजार 4 सौ रुपये बरामद किया। बरामद मोबाइल और लैपटाप के जांच से पीङित मनोज शर्मा के खाते से पैसा उङाने की घटना में सम्मिलित होने के साथ साथ आजमगढ के विभिन्न घटनाओं में सम्मिलित होने के साक्ष्य मिले।
आरोपियों ने बताया कि हमारे साथ पकङे गये दो लोग जन सेवा केन्द्र के संचालक है। जो अपने अपने दुकान पर आधार कार्ड के माध्यम से पैसा निकालने आये लोगों का अंगूठा निशान कागज पर लगवा लेते थे। इसके बाद सुदीप यादव और विरेन्द्र यादव की मदद से अपने साथी सोनू शर्मा को दे देते थे। जो क्लोन तैयार कर देता था। जिससे अंगुष्ठ निशान से आधार नम्बर से उसका खाता नम्बर व बैलेन्स जान लेते थे और उसी निशान से अथार्टी दे कर पैसा निकाल लेते थे।
इनके ही निशानदही पर उनके साथी सोनू शर्मा के दुकान से अंगुष्ठ निशान के क्लोन बनाने की मशीन व केमिकल क्लोफ व अन्य केमिकल बरामद किया गया। जहां पर इसके पास 04 निगेटिव के अलावा किसी बैक के कर्मचारी का भी थम्ब का निगेटीव मिला।
साथ ही कई अधिकारियों का मुहर भी मिला, जो संदिग्ध है। इस गैंग के मास्टर माइन्ड राहुल खत्री द्वारा फेक आईडी पर डिजिटल बैकिंग का वैलेट बनाया गया था। जिसमें अंगूष्ठ निशान के क्लोन से ही मनोज शर्मा के खाते से पैसा ट्रान्सफर कर लिये गये थे। जो विभिन्न जन सेवा केन्द्रों के माध्यम से निकाल लिये गये। जो पैसे को आपस में बाट लिया था। दूसरों के खातो से हैक पैसो से 02 कार भी लिया था। उसी से घूम घूम कर विभिन्न जनपदों में अपराध करते थे।