रामपुर : यूपी के रामपुर में शिक्षा विभाग में बीएसए द्वारा लाखो करोड़ो रुपये का घोटाला करने का मामला सामने आया है जिसकी जांच डीएम आंजनेय कुमार सिंह ने खुद 3 अधिकारियों का पैनल बना कर कराई है। डीएम ने शिकायत में सच्चाई पाये जाने के बाद बीएसए पर कार्रवाई करने के लिए शासन को पत्र लिखा है।
मुख्य विकास अधिकारी गजल भारद्वाज ने पिछले दिनों बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय का निरीक्षण किया था। तब कई अनियमितताएं सामने आई थीं। उन्होंने व्यवस्था सुधारने के निर्देश देते हुए चेतावनी जारी की, लेकिन इसके बाद भी सुधार नहीं हुआ।
मुख्य विकास अधिकारी ने दोबारा निरीक्षण किया तो फिर अनियमितताएं सामने आईं। इसके बाद जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने बेसिक शिक्षा विभाग की विस्तृत जांच कराने के लिए मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बना दी।
इस कमेटी में अपर जिलाधिकारी प्रशासन जगदंबा प्रसाद गुप्ता, दो इंजीनियर व कोषाधिकारी भी शामिल किए गए। इंजीनियरों द्वारा स्कूलों में कराए गए निर्माण कार्यों की जांच की गई। जांच पड़ताल के दौरान कई अनियमितताएं पकड़ में आईं।
सीडीओ ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि स्कूलों की चाहरदीवारी कराने के लिए एक करोड़ रुपये मिले थे, जो डीएम के संज्ञान में लाए बिना ही वापस कर दिए गए। एडीएम के मुताबिक कई शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया और फिर उन्हें सवेतन बहाल कर दिया गया।
जिलाधिकारी ने बताया कि फर्नीचर बनवाने में भी अनियमितता बरती गई। लोहा कम लगाया गया। ड्रेस के वितरण में भी आनाकानी की गई। उन्होंने बताया कि बीएसए ऐश्वर्या लक्ष्मी के खिलाफ कार्रवाई के लिए अपर मुख्य सचिव को लिखा जा रहा है।
उन्होंने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी और बाबू मनमानी कर रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने वित्त एवं लेखाधिकारी केएल साश्वत के खिलाफ भी शासन को लिखा था, जिस पर उन्हें निलंबित कर दिया गया था।
बरहाल अब इस मामले में शिकायत करता इंद्रजीत सिंह ने बीएसए ईश्वरया लक्ष्मी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के साथ साथ उन्हें सस्पेंड कर उनके द्वारा किये गए सरकारी धन के घोटाले की रिकवरी करने की मांग की है।