JAUNPUR : नक़ली शिक्षक भर्ती बोर्ड के मास्टर माइंड के पकड़े जाने के बाद से यूपी में नकली शिक्षकों के मिलने का सिलसिला जारी है। सीतापुर के बाद अब जौनपुर के बेसिका शिक्षा अधिकारी के दफ्तर से कई लोगों को उठाया है। जिन्हें बाद में विभाग ने निलंबित कर दिया है।
कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में फर्जी नियुक्तियों की जांच में जुटी एसटीएफ ने सोमवार को जौनपुर में चार स्थानों पर छापेमारी की। एसटीएफ ने बीएसए कार्यालय में तैनात एक वरिष्ठ कर्मचारी को उसके आवास के पास से उठाया है। मुफ्तीगंज कस्तूरबा विद्यालय में संविदा पर तैनात एकाउंटेंट को भी हिरासत में लिया गया है।
जौनपुर के मुफ्तीगंज स्थित विद्यालय में टीचर प्रीति यादव के आजमगढ़ के पवई स्थित विद्यालय में भी वार्डेन के रूप में नौकरी करने का खुलासा होने पर शनिवार की रात नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था। बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने आनन-फानन में रविवार को ही प्रीति को सेवा से बर्खास्त कर दिया था। जौनपुर में वेतन के रूप में एक लाख 40 हजार और आजमगढ़ में डेढ़ लाख रुपए की रिकवरी के लिए पुलिस की मदद से कागजी प्रपत्र तैयार कर शिकंजा कसा गया। इसके साथ ही टीचर भर्ती मामले की जांच के लिए बनी एसटीएफ को भी मामले से अवगत कराया गया।
बताया जाता है कि इसी मामले में एसटीएफ ने छापेमारी की। जिस कर्मचारी को उठाया है, वह सर्व शिक्षा अभियान में 12 वर्षों से तैनात है। उसकी पत्नी जौनपुर में जिला समन्वयक बालिका शिक्षा का अहम पटल देखती है। कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में शिक्षक, वार्डेन व स्टाफ की तैनाती वेतन व उनके समस्त प्रमाण पत्रों के सत्यापन से जुड़ा बेहद गोपनीय कार्य जिला समन्वयक के जिम्मे होता है।