AYODHYA : कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ इस बार अयोध्या के प्रसिद्ध 14 कोसी परिक्रमा पंचकोशी परिक्रमा में बाहर के श्रद्धालु शामिल नहीं हो पाएंगे। 23 नवंबर से शुरू हो रही पंचकोसी परिक्रमा के कारण अयोध्या की सीमा सील कर दी गयी है।
अयोध्या के सभी प्रवेश द्वार पर बैरिकेडिंग लगाई जा रही है। केवल अयोध्या जनपद के ही स्थानीय श्रद्धालु ही परिक्रमा कर सकेंगे। इसके साथ ही वही लोग भी कार्तिक पूर्णिमा स्नान भी कर पाएंगे। दिव्य दीपोत्सव के बाद जिला प्रशासन की नजर अब परिक्रमा व कार्तिक पूर्णिमा मेले पर है।
कोरोना संकट को लेकर ऐतिहातन कदम उठाए जाने की कोशिश शुरू हो गई है। इस बार मेले में श्रद्धालुओं की संख्या कम से कम रखने के लिए रामनगरी के आसपास के जिलों से आने वाले श्रद्धालुओं को रोकने की कवायद शुरू कर दी गई है। इसके लिए मंडल के जिलों के साथ-साथ अन्य पड़ोसी जनपदों के प्रशासन के अधिकारी मीटिंग कर उन्हें अपने जनपदों में ही रोके जाने की अपील की जा रही है।
जिलाधिकारी अनुज झा ने बताया कि आईजी व कमिश्नर ने पड़ोसी जनपदों से बैठक कर उन जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने जनपद के श्रद्धालुओं को समझा-बुझाकर अपने जनपद भी रखें और अपने घर से ही श्रद्धा को निवेदित करें। दरअसल मेले का शुभारंभ 23 नवंबर से होगा और 14 कोसी परिक्रमा व कार्तिक पूर्णिमा मेला अयोध्या के महत्वपूर्ण मेलो में से एक है। 23 नवंबर को 14 कोसी परिक्रमा 25 नवंबर को पंचकोशी परिक्रमा व 30 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा स्नान है।
इस मेले में प्रदेश के साथ-साथ देश के विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालु आते हैं लेकिन इस बार मेले में कोरोना संकट में लाखो की संख्या में श्रद्धालु एक साथ भीड़ के रूप में यहां पहुंचने पर संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। इसके मद्देनजर प्रशासन ने सभी स्तर पर एहतियाती कदम उठा रही है।