SIDDHARTH NAGAR/ ETWA : सुशांत राजपूत सुसाइड केस में मिस्ट्री बन कर उभरी रिया चकवर्ती की खबरें और चर्चा सभी ओर है। वहीं यूपी में किसान यूरिया की किल्लत को लेकर आंदोलनरत है और उनका कहना है कि सरकार को यूरिया की कालबजारी को रोकने के साथ इसे किसानों को लिए सुलभ करने की जरूरत है। मीडिया भी उनकी बात न सुनकर रिया की कहानी को जोर शोर से उजागर कर रही है।
किसान नेता हरिनाम सिंह कहते हैं कि आज उत्तर प्रदेश का किसान यूरिया की मांग कर रहा है। देश की इकानमी भी किसानी से ही संभलती है ऐसे में यदि उसे समय पर यूरिया नहीं मिला। सिद्धार्थनगर जिले से खबर है कि वहां 50 किलो यूरिया की बोरी के 299 रुपये की बजाय 450-500 रुपये लिए जा रहे हैं। जोगिया क्षेत्र किसान सोमई, दीनानाथ, ओमप्रकाश आदि का कहना है कि समितियों पर यूरिया नहीं है यदि यूरिया न डाली गई तो धान की पैदावार पर असर पड़ेगा।
बात इटवा डिस्ट्रिक की करें तो वहां के किसानों को अच्छी बारिश होने के कारण खरीफ की फसल से खुशी की लहर थी। मगर यूरिया की किल्लत से किसानों की यह खुशी अब गायब हो गई है। जब बाजार में यूरिया की किल्लत शुरू हो गई। यह स्थिति पिछले 20 दिनों से है। दुकानदारों की माने तो अभी यूरिया की कोई खेप आने की उन्हें जानकारी नहीं है। एसडीएम इटवा त्रिभुवन कुमार का कहना है कि यूरिया की स्थिति की जानकारी है। यूरिया की आपूर्ति के लिये व्यवस्था की जा रही है।
किसान नेता हरिनाम सिंह कहते हैं कि हमे रिया में फंसा कर रख दिया गया है जबकि हमारी जरूरत यूरिया है जिसकी कहीं कोई बात नहीं कर रहा है।