Agency : चीन ने देश के नागरिकों के लिए एक श्वेत पत्र जारी कर कोविड 19 से जीती गयी जंग के आंकड़ों को पेश किया है। श्वेत पत्र में बताया गया है कि किसी भी एक नागरिक को छोड़ा नहीं गया और सरकार ने सभी का इलाज किया।
कोविड-19 के खिलाफ चीन की कार्रवाई शीर्षक से जारी इस श्वेत पत्र में साफ तौर पर कहा गया है कि चीन सरकार व कम्युनिस्ट पार्टी ने वायरस को नियंत्रित करने के लिए हर संभव कोशिश की। समूचे देश ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग के नेतृत्व में विश्व को एक संदेश देने का काम किया है। क्योंकि चीन के सर्वोच्च नेता ने बार-बार कहा कि जनता का स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा सर्वोपरि है।
कोरोना महामारी की रोकथाम में चीनी चिकित्सकों ने साहस के साथ वायरस के साथ लड़ाई की और पूरी कोशिश से मरीजों का इलाज किया। उन्होंने थोड़े से मनोवैज्ञानिक दबाव का सामना करते हुए इस जंग को जीत लिया। इस जंग में 84 साल के बूढ़े स्पेशलिस्ट से 20 वर्षीय युवा चिकित्सक तक महामारी के सामने पीछे की ओर मुड़े बिना अपना कर्तव्य पूरा करने के लिए आगे बढ़े। करीब 6 लाख चिकित्सकों ने महामारी के खिलाफ लड़ाई के सबसे आगे वाले मोर्चे पर काम किया।
पिछले कई महीनों से पूरी दुनिया कोरोना वायरस की मार झेल रही है। लेकिन चीन ने इस वायरस को काबू में करने में सफलता हासिल कर ली है। चीन ने इस जटिल चुनौती का मुकाबला कैसे किया, यह बात बहुत ध्यान देने वाली है। यहां बता दें कि चीन को जैसे ही हूबेई प्रांत में वायरस द्वारा पैर पसारे जाने की जानकारी मिली, वहां लॉकडाउन कर दिया गया। इसके साथ ही देश के अन्य हिस्सों में भी वायरस से बचाव व सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए गए। चीन की मेहनत और सख्त नियम का नतीजा यह हुआ कि कुछ ही महीनों में वायरस को बहुत हद तक कंट्रोल कर लिया गया।
जैसे ही चीन में कोविड-19 महामारी फैलना शुरू हुई, चीन के संबंधित विभागों ने त्वरित कार्रवाई की। इसमें बीमार और संक्रमित लोगों को दूसरे नागरिकों से अलग रखने के लिए अभियान चलाया गया। वायरस की चपेट में आए लोगों को बेहतरीन इलाज देने के लिए पूरी कोशिश की गयी। इसी दिशा में वायरस से सबसे अधिक प्रभावित हूबई में हजारों चिकित्सा कर्मियों को भेजा गया। जबकि डॉक्टरों व नर्सों ने मरीजों को बचाने के लिए दिन-रात काम किया। इसके साथ ही चीनी नागरिकों ने भी महामारी के खात्मे में अपना योगदान दिया। जिसके चलते लगभग तीन महीनों में बेहद चुनौतीपूर्ण मिशन को पूरा किया गया। पहले एक महीने में ही महामारी के प्रसार को कुछ हद तक रोकने में कामयाबी हासिल हुई। जबकि दो महीनों के भीतर नए पुष्ट मामलों की संख्या में बहुत कमी आ गयी। वहीं तीन महीने खत्म होते-होते वूहान और हूबेई प्रांत में इस महामारी को नियंत्रित कर लिया गया। आंकड़ों से जाहिर है कि 31 मई तक चीन में इस वायरस से पीड़ित लोगों की इलाज दर 94 फीसदी से अधिक रही। इसमें बेहतरीन चिकित्सकों के साथ-साथ शानदार तकनीक का भी योगदान रहा। जैसा कि श्वेत पत्र में भी कहा गया है कि चीन ने हर मरीज का इलाज किया और किसी को भी नहीं छोड़ा गया।
यह अभियान कितना चुनौती भरा था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शुरूआत में हजारों लोग संक्रमित हो चुके थे। और उन्हें सामान्य लोगों से अलग रखने का काम आसान नहीं था। लेकिन चीन सरकार और संबंधित एजेंसियों ने इसे सफलता से पूरा कर दिखाया।
इतना ही नहीं चीन ने अपने देश के साथ-साथ विश्व के अन्य हिस्सों में भी महामारी को लेकर सूचना जारी की। वहीं कोविड-19 से प्रभावित देशों को हरसंभव मदद भी दी। चीन कहता रहा है कि इस वायरस को हराने के लिए वैश्विक समुदाय को मिलकर संघर्ष करना होगा। इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चिकित्सा संबंधी सहयोग बढ़ाने की भी जरूरत है।